सोमवार का दिन शिव जी को समर्पित माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा बरसती है और इंसान का जीवन आनंदमय हो जाता है. लोग सोमवार को व्रत भी रखते हैं और भोलेनाथ की प्रार्थना करते हैं. शिवजी के कई सारे प्रसिद्ध मंदिर हैं. कुछ मंदिर तो बहुत पुराने भी हैं. उत्तर प्रदेश के बागपत में एक मंदिर ऐसा भी है जो 1100 साल से भी ज्यादा पुराना है. यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर की स्थापना से जुड़ी भी रोचक मान्यता है.
कैसे हुई स्थापना?
बागपत के पास स्थित पाबला गांव में ये मंदिर है. इस मंदिर की स्थापना के बाद ही इस गांव में बसाहट शुरू हुई. कहा जाता है कि पहले इस जगह पर सिर्फ जंगल-झाड़ियां थीं और ज्यादा लोग नहीं रहते थे. लोगों ने देखा कि उन झाड़ियों में एक गाय आती है और एक तय स्थान पर आकर खड़ी हो जाती है. उसे खड़े होते ही उसमें से दूध निकलने लगता था. जब लोगों की नजर पड़ी और पास जाकर देखा तो वहां पर धरती से एक पत्थर निकला हुआ था. तमाम कोशिशों के बाद भी उस पत्थर को नहीं हटाया जा सका.
इसके बाद ही अन्य गांव के लोगों ने मिलकर इस स्थान पर भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया. साधु-संत, महात्मा और नामी-गिरामी लोगों ने मिलकर इस मंदिर को बनवाया. 1150 साल होने के बाद भी इस मंदिर में हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ होती है और दर्शन मात्र से लोगों की मन मांगी मुरादें पूरी हो जाती हैं. बागपत का पाबला गांव इस मंदिर की वजह से मशहूर है.
सोमवार को करें भगवान शिव की पूजा
सोमवार का दिन शिव जी का दिन होता है. इस दिन चंद्र देव की पूजा करने से भी फल प्राप्ति होती है. इस दिन नहा-धोकर शिव जी की पूजा करने से फायदा होता है. इस दिन सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना भी काफी शुभ माना जाता है. इससे मां लक्ष्मी की कृपा भक्तों पर बरसती है और जीवन में खुशहाली आती है.
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