मजबूरी या जरूरी? चिराग पासवान ने आखिरकार नीतीश कुमार को मान ही लिया बिहार में अपना नेता

बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2025 में होंगे. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी गोटियां सेट करने में जुटी हुई हैं. इस बीच चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने ऐलान कर दिया कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. दरअसल, बिहार की राजनीति में ये दिलचस्प वाक्या हुआ है क्योंकि बीते कुछ सालों से चिराग और नीतीश कुमार के बीच सियासी दुश्मनी जगजाहिर है. दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खड़े रहे हैं, लेकिन आखिर में नीतीश को चिराग ने अपना नेता मान लिया है. अब सवाल उठता है कि चिराग के सामने ऐसी क्या मजबूरी रही जिसकी वजह से उन्हें ये कदम उठाना पड़ा है?

बीते दिन लोजपा (रामविलास) ने राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई. इस बैठक के बाद पार्टी ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के हिस्से के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. पार्टी का कहना है कि उसने सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

विधानसभा चुनाव के लिए चिराग की रणनीति

बैठक के बाद लोजपा (रामविलास) के नेता हुलास पांडेय ने कहा, ‘पार्टी सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी. यह भी तय किया गया कि पार्टी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करते समय पार्टी के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की विचारधारा को ध्यान में रखेगी. 2025 के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी उम्मीदवारों के नाम तय करने में अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी.’

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