हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रचार में क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी, कांग्रेस को पुरानी रणनीति पर भरोसा?
हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनावों में अब कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों से इतर अपनी पुरानी रणनीति पर चलने का फैसला किया है. यही वजह है कि प्रियंका गांधी अभी तक चुनाव मैदान में नहीं उतरी हैं. राहुल गांधी ने भी प्रचार के नाम पर अमेरिका जाने से पहले सिर्फ एक दिन जम्मू-कश्मीर को दिया. लोकसभा चुनाव में राहुल-प्रियंका के धुआंधार प्रचार के बाद कांग्रेस रणनीतिकारों ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी दोनों के आक्रामक प्रचार का खाका बनाया था. मगर, पार्टी के आंतरिक सर्वे में बढ़त और पीएम मोदी की ओर से राष्ट्रीय मुद्दों के उठाने के बाद सियासी रणनीति बदल दी है.
पार्टी को लगता है कि चुनाव राज्य का है. राज्य के स्थानीय मुद्दे हावी हैं. पीएम मोदी को तो सीएम बनना नहीं है. इसलिए चुनावों को न ही राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाए और न ही इसे राहुल बनाम मोदी बनने दिया जाए. इसी फेहरिस्त में अमेरिका से लौटने के बाद पहली बार राहुल हरियाणा गए तो राज्य में बेरोजगारी के डंकी मुद्दे को गर्म कर दिया.
राहुल जनता से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं: सुप्रिया श्रीनेत
हरियाणा में अवैध रूप से लाखों रुपये देकर और जान की बाजी लगाकर विदेश जाने को मजबूर युवाओं के ही मामले में अमेरिका में मिले शख्स के परिवार से मिलने राहुल गांधी करनाल गए. इस मामले में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि राहुल गांधी डंकी का मुद्दा उठाने हरियाणा गए थे. कांग्रेस और राहुल जनता से जुड़े महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं.
विनेश के लिए राहुल-प्रियंका के प्रचार का खास कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी बिना हिंदू-मुसलमान और पाकिस्तान का नाम लिए बिना प्रचार नहीं कर सकते. दरअसल,यही कांग्रेस की सियासी रणनीति है. इसलिए राहुल-प्रियंका के प्रचार को सीमित किया गया है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बचे वक्त में राहुल-प्रियंका दोनों राज्यों में प्रचार करेंगे लेकिन अपनी ही रणनीति के तहत. खास बात ये भी है कि जुलाना में विनेश फोगाट के लिए राहुल-प्रियंका के प्रचार का खास कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है.
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