तेंदूखेड़ा दमोह । दमोह में सक्रिय बकरी चोर गैंग के कारण मवेशी को घरों में कैद किए हैं। लोगों को डर है कि कहीं जगल गए तो उनकी भी हत्या कर दी जाएगी। इसलिए अपनी बकरियां जंगल में ले जाने से डर रहे हैं। जबलपुर के पाटन से सटे हरदुआ में मातम छाया है।
जंगल में हाथ-पैर बांधकर शव मिला
हरदुआ सरपंच प्रीतम पाल ने बताया की रघुनाथ मरावी बकरियों को लेकर जंगल चराने गए थे जो शाम तक नहीं लौटे तो परिवार के लोग खोजबीन करने गए लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था। अगले दिन फिर खोजबीन की तो जंगल में हाथ-पैर बांधकर शव मिला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को जांच में लिया।
पीएम कराने के बाद स्वजनों को सौंप दिया
दो दिन पहले किसी ने दमोह और जबलपुर जिले की बार्डर पर हरदुआ गांव के जंगल में बकरी चराने गए चरवाहे की हत्या कर दी थी। आरोपितों ने हाथ-पैर बांधकर लाश को भिम्माडोला के पास जंगल में फेंक दिया। सूचना पर पाटन पुलिस मौके पर पहुंची, शव का पीएम कराने के बाद स्वजनों को सौंप दिया।
भिम्माडोला के जंगल में जूता पड़ा दिखा
पाटन पुलिस ने बताया कि हरदुआ निवासी रघुनाथ मरावी 55 चरवाहे थे। वह 28 बकरियों के झुंड को चराने के लिए निकले थे, लेकिन देर शाम तक वह वापस नहीं आए। स्वजनों ने तलाश की लेकिन पता नहीं चल सका। स्वजन और ग्रामीण फिर से उसकी तलाश में निकले, वह भिम्माडोला के जंगल में पहुंचे तो वहां रघुनाथ के जूते पड़े दिखे, स्वजन और ग्रामीण आगे बढ़े तो झाडि़यों में शव नजर आया।
सिर पर पीछे की ओर चोट के निशान थे
सूचना मिलते ही एएसपी सूर्यकांत शर्मा समेत पाटन थाने की पुलिस और एफएसएल टीम मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि रघुनाथ के सिर पर पीछे की ओर चोट के निशान थे, वहीं उसके मुंह में कपड़ा बंधा हुआ था। पुलिस अनुसार आरोपितों ने पहले तो एक ही गमछे से उसके हाथ और पैरों को पीछे की ओर बांधा और फिर सिर पर वार कर हत्या कर दी। जिसके बाद आरोपितों ने बकरियां चोरी की और वहां से भाग निकले।
यह बोले सरपंच और अध्यक्ष
हरदुआ सरपंच प्रीतम पाल ने बताया की रघुनाथ मरावी बकरियों को लेकर जंगल चराने गए थे जो शाम तक नहीं लौटे तो परिवार के लोग खोजबीन करने गए लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था। पुनः सैकड़ों की तादात में लोग टोलियों के रूप में गए तो रघुनाथ की चड्डी मिल गई उसके बाद खोजबीन की तो शव नग्न अवस्था में पड़ा था। सरपंच प्रीतम पाल ने बताया कुछ दिनों से चोर गिरोह घटिया और लगे गांव में बकरियों की चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और अब हत्या करके बकरी ले गए।
अब ग्रामीण मवेशियों को लेकर अकेले नहीं जाते
सहजपुर के पूर्व सरपंच और वर्तमान में सहजपुर वन समिति अध्यक्ष गुड्डू दुबे ने बताया कि घटनास्थल दमोह जिले और तेंदूखेड़ा ब्लाक के एक से दो किमी दूर का है। अक्सर पाटन क्षेत्र के लोग अपने मवेशी और बकरी चराने आते है, शव मिलने के बाद सहजपुर और पाड़ाझिर के लोगों में भय बना हुआ है, क्योंकि गांव के लोग अपनी बकरियों को लेकर उसी ओर जाते हैं। कुछ दिन पहले ऐसे ही नाकापोश लोग तेंदूखेड़ा थाने के हरदुआ गांव के जंगलों मे देखे गये थे लेकिन वहां ग्रामीणों को देख जंगली रास्ते से भाग गये थे। उसके बाद अब ग्रामीण मवेशियों को लेकर अकेले नहीं जाते।
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