थोक बाजार में भी घटी कीमतें, जुलाई में इतनी नीचे आई महंगाई

भारत में अब महंगाई का असर नरम पड़ता दिख रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दरों में बढ़ोतरी करने और उसे एक साल से भी ज्यादा समय तक बनाए रखने की वजह से अब महंगाई दर नीचे आई है. कुछ दिन पहले रिटेल महंगाई दर के आंकड़े सामने आए थे, जो अगस्त में 4 प्रतिशत से नीचे रही है. वहीं अब थोक बाजार के आंकड़े भी सरकार ने जारी कर दिए हैं. होलसेल प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर (WPI Inflation Rate) में अगस्त में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है.

सब्जियों, खाने-पीने की चीजों के दाम कम होने और ईंधन के सस्ते होने से थोक महंगाई दर लगातार दूसरे महीने गिरी है. अगस्त में यह 1.31 प्रतिशत रही है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को इसके लेटेस्ट आंकड़े जारी कर दिए हैं.

घट रही देश में महंगाई की मार

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर जुलाई में भी कम हुई थी. जुलाई में यह 2.04 प्रतिशत थी. जबकि पिछले साल अगस्त में यह (-) 0.46 प्रतिशत रही थी. इसी तरह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर आधारित महंगाई दर (CPI Retail Inflation Rate) अगस्त में 3.65 प्रतिशत रही है. जबकि जुलाई 2024 में ये 3.60 प्रतिशत थी. अगस्त 2023 से तुलना करें तो रिटेल महंगाई का स्तर करीब 50 प्रतिशत तक नीचे आया है, क्योंकि महंगाई तब 6.83 प्रतिशत थी.

किस सेगमेंट में कितनी रही थोक महंगाई?

उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगस्त 2024 में खाने-पीने की चीजों, फूड प्रोसेसिंग प्रोडक्ट्स, अन्य मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट, कपड़ा मैन्यूफैक्चरिंग, मशीनरी एवं टूल्स इत्यादि की मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट में कमी आई है. आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की महंगाई अगस्त में 3.11 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 3.45 प्रतिशत थी.

सब्जियों की कीमतों में अगस्त में 10.01 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि जुलाई में यह 8.93 प्रतिशत थी. आलू और प्याज की कीमतें अगस्त में भी ऊंची बनी रही. इनकी कीमतों में महंगाई क्रमश: 77.96 प्रतिशत और 65.75 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही. वहीं ईंधन और बिजली कैटेगरी में महंगाई दर जुलाई में 1.72 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में 0.67 प्रतिशत रही.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से रिटेल इंफ्लेशन को ध्यान में रखता है. आरबीआई ने अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को लगातार नौवीं बार 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.