हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में हर पार्टी ने कमर कसनी शुरू कर दी है. हाल ही में विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने कांग्रेस का दामन थामा, जिसके बाद से WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के कई बयान सामने आ चुके हैं. आज भी उन्होंने विनेश फोगाट को लेकर बयान दिया लेकिन आज उन्हें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से फोन कर मीडिया से बात न करने की सलाह दे दी गई है. उन्हें कहा गया है कि इससे हरियाणा का चुनाव प्रभावित हो सकता है.
बृजभूषण सिंह ने आज कहा कि महाभारत के समय पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था. देश ने आज तक इस बात के लिए पांडवों को माफ नहीं किया है. ऐसे ही जो दांव हुड्डा परिवार ने हमारी बहन-बेटियों के सम्मान को दांव पर लगाकर खेला है. इस बात को भी आने वाला कल माफ नहीं करेगा. मेरे ऊपर तीन घटनाओं को लेकर आरोप लगाए गए थे लेकिन तीनों समय मैं बाहर था.
इतना बड़ा ड्रामा क्यों किया?
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि मैंने नहीं शुरू किया मैं कोई नई बात नहीं कह रहा हूं. साक्षी कह कह रही हैं कि मैं बहन बेटी के लिए लड़ रही हूं, तो मैंने जवाब दिया. वह कांग्रेस में चली गईं लेकिन कुछ सवाल तो जनता पूछेगी कि क्यों इतना बड़ा ड्रामा किया. आप कौन सी बहन बेटी के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. आप सिर्फ एक फैमिली के लिए लड़ रही हैं. जब छेड़खानी हो रही थी, तब आपने क्यों कुछ नहीं कहा, तब आपने मुझे एक थप्पड़ क्यों नहीं मारा. वह बाहर जाकर हल्ला कर सकती थीं. वह अपने प्रदेश अध्यक्ष हुड्डा को बता सकती थीं.
सब बर्बाद कर दिया
इसके साथ ही आगे कहा कि मेरा नुकसान हो गया . कुश्ती का नुकसान हो गया. कम से कम हम पांच मेडल जीत लाते लेकिन इन लोगों ने सब बर्बाद कर दिया. हरियाणा में खेल की राजनीति बहुत बड़ी राजनीति है. मैं छह बार का सांसद हूं मेरी पत्नी सांसद रही हैं. फैसला हरियाणा को करना हैं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्हें हराओ. जाट और ठाकुर की लड़ाई नहीं है. यह एक फैमिली की लड़ाई है.
कांग्रेस पार्टी की घोषणा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विनेश फोगाट को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है. कांग्रेस ने विनेश फोगाट को हरियाणा के जुलाना से उम्मीदवार बनाया और बजरंग पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. शनिवार को भी बृजभूषण ने दोनों पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि बजरंग पूनिया हरियाणा के नायक नहीं, खलनायक हैं. बजरंग पूनिया, दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा पत्नियों को आगे करके राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.
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