हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस का गठबंधन टूटने की कगार पर है. हरियाणा में आप 50 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है. गठबंधन को लेकर दोनों दलों के बीच बातचीत हो रही थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बात पर सहमति नहीं बन पायी है. सूत्रों के कहना है कि हरियाणा में कांग्रेस और BJP के कई नाराज नेता आप में शामिल हो सकते हैं. रविवार को आम आदमी पार्टी उम्मीदवारों को पहली लिस्ट जारी कर सकती है.
पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा की बात चल रही थी. ऐसा दावा किया गया था कि कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी गांधी आम आदमी पार्टी के साथ गंठबंधन के पक्षधर हैं.
इस बीच यह सूचना आई कि हरियाणा मेंकांग्रेस आमआदमी पार्टी कोसात सीटें देने पर सहमत हो गयी है, जबकि आम आदमी पार्टीने कांग्रेस से 10 सीटोंकी मांग की है. अब सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर सहमति नहीं बनी है. आम आदमी पार्टी 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है.
आप ने 10 सीटों की मांग की थी
बता दें कि हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. इनमें से आम आदमी पार्टी 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक विधानसभा की सीट मांग रही थी, जबकि कांग्रेस आम आदमी पार्टी को केवल सात सीटें देने के लिए तैयार थी.
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गठबंधन करने के प्रति रूचि दिखाने का स्वागत किया था. उन्होंने कहा था कि दोनों ही पार्टियों का मुख्य उद्देशय भाजपा को पराजित करना है. लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन हुआ था. 10 सीटों में से पांच पर गठबंधन ने कब्जा जमाया था.
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में साथ लड़े थे आप-कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली में आपसी गठबंधन से चुनाव लड़ा था, लेकिन दिल्ली में लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों को झटका लगा था और बीजेपी दिल्ली की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी.
उसके बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, हालांकि पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. अब हरियाणा में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की कोशिश की जा रही थी, लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट की कगार पर है.
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