मंत्री गोविंद राजपूत पर इस्तीफे की लटकी तलवार! मान सिंह पटेल मामले में FIR दर्ज, गुमशुदगी नहीं मान सिंह का हुआ अपहरण…
भोपाल/सागर : मध्य प्रदेश के बहुचर्चित मानसिंह पटेल गुमशुदगी मामले में प्रदेश के कद्दावर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मुश्किलें लगातार बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गठित एसआईटी की जांच शुरू होने के बाद अब इस मामले में fir दर्ज की गई है। लेकिन fir गुमशुदगी की नहीं बल्कि पीड़ित किसान मानसिंह पटेल के अपहरण की दर्ज की गई है। हालांकि FIR अज्ञात के खिलाफ दर्ज की गई है लेकिन fir के कथन में मंत्री गोविंद राजपूत का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है। सीट की जांच और अब फिर दर्ज होने के चलते मंत्री गोविंद राजपूत पर कानून का शिकंजा कसता हुआ दिखाई दे रहा है जिसके चलते मध्य प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया है और अब उनसे मंत्री पद जाने की अटकलें भी तेज हो गई है।
क्या है किसान मान सिंह पटेल की गुमशुदगी का मामला…
सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर सागर के मानसिंह पटेल की गुमशुदगी का मामला क्या है? दरअसल सागर के शिव विहार कॉलोनी निवासी और फरियादी सीताराम पटेल ने 26 अगस्त 2016 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें उनके पिता मानसिंह पटेल का मंत्री गोविंद राजपूत से जमीन के कब्जे को लेकर विवाद बताया गया था अपनी शिकायत में सीताराम पटेल ने बताया था कि उनके पिता मानसिंह पटेल का 21 अगस्त 2016 को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से जमीन के कब्जे को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद 22 अगस्त 2016 की सुबह से उनके पिता मानसिंह पटेल अचानक गायब हो गए।
FIR के कथन में फरियादी सीताराम पटेल ने बताया कि वह सागर के शिव बिहार कॉलोनी में रहते हैं और किसानी का काम करते है। उनका और उनके पिता मानसिंह पटेल का मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। सीताराम ने आगे बताया कि 21 अगस्त 2016 को रात 11:00 बजे मंदिर से लौट के बाद उनके पिता मानसिंह पटेल ने उन्हें बताया कि रास्ते में घर आते वक्त उनके मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से जमीन को लेकर कहासुनी और विवाद हो गया। इसके बाद 22 अगस्त को सुबह करीब 7:00 बजे जब सीताराम और उसकी पत्नी घर पर थे उनके पिता मानसिंह ने घर से लगे हुए खेत से चारा लाने की बात कही और वह खेत पर चले गए। सीताराम ने बताया कि जब काफी देर तक उनके पिता वापस नहीं लौटे तो उन्होंने आसपास अपने पिता की खोजबीन की लेकिन वे आसपास कहीं भी नहीं मिले। इसके बाज रिश्तेदारों के यहां पतासाजी की लेकिन उनके पिता का कोई पता नहीं चला। इसके बाद वह गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए थाने पहुंचे। सूचना के आधार पर पुलिस गुमइंसान क्र.09/16 में मामला कायम कर जांच में लिया।
मान सिंह पटेल गुमशुदा नहीं बल्कि अपहरण हुआ
इस मामले में 23 अगस्त 2024 को उप निरीक्षक संदीप खरे ने सागर के थाना सिविल लाइंस में एक आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें बताया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के WC (crl) 108/2023 और 350/2023 के तहत 6 अगस्त 2024 को दिए गए निर्देशों के आधार पर गुमशुदगी क्र. 09/16 की धारा 365 IPC के तहत आपराधिक प्रकरण के रूप में पंजीबद्ध किया गया है।
धारा 365-IPC में क्या हैं प्रावधान।
धारा 365 आईपीसी के तहत किसी भी व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से अपने कब्जे में लेना या अपहरण करना अपराध माना गया है। इस धारा का उद्देश्य हर व्यक्ति की सुरक्षा और उसके स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करना है। इसके तहत दोषी को अधिकतम 7 साल की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
इस पूरे मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का नाम सामने आने के बाद से ही मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। पीड़ित किसान मानसिंह पटेल को लापता हुए 8 साल से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। दूसरी तरफ विवादित जमीन पर अभी भी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का ही कब्जा है। अगर मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ ठोस सबूत सामने आते हैं तो उनके मंत्री पद जाना निश्चित है। इस पूरे मामले में एक और जहां सुप्रीम कोर्ट की नजर है तो वही दिल्ली में आलाकमान भी इस मामले पर पूरी नजर रखे हुए हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने की इस्तीफे की मांग
दूसरी तरफ इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का इस्तीफा लेने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने ट्वीट कर कहा कि MP सरकार के मंत्री गोविंदसिंह_राजपूत पर एक किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लंबे समय से लग रहा था।
इस मामले में वह किसान 8 साल से गायब है और अब जाकर पुलिस ने FIR दर्ज की है। 22 अगस्त 2016 से गायब मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने पिता के गायब होने की थाने में सूचना दी थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई! पुलिस ने भी इस मामले में लापरवाही बरती! अंततः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर #SIT गठित की गई। इस मामले में सरकारी दबाव और पुलिस की लेटलतीफी शुरू से ही साफ दिखाई दी। लेकिन, देश में न्याय अभी जिंदा है। क्या मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 भाजपा के मंत्री #गोविंदसिंह_राजपूत से इस्तीफा लेंगे??
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