सीहोर: 24 वर्षीय कपिल परमार ने पेरिस पैराओलंपिक में ब्रांन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने जूडो के मेस जे 1 कैटेगरी में ब्राजील के एलिटन डी ओलविएरा को महज 33 सेकंड में 10-0 से हराकर मेडल जीता। करंट से आंखों की 80% रोशनी गंवाने वाले कपिल परमार ने जूडो में पेरिस पैराओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया है। पैराओलंपिक के इतिहास में भारत ने जूडो में पहली बार कई मेडल जीते है।
कपिल परमार मध्य प्रदेश राज्य जूडो अकादमी भोपाल के प्लेयर हैं। वे मूलत सीहोर के गांव मुरली के रहने वाले हैं। कपिल चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता टैक्सी ड्राइवर थे। अब गांव में पशुपालन करते हैं। कपिल 2019 से 2012 तक पहलवानी करते थे पर 2012 में करंट से आंखों की रोशनी चली गई। सिर्फ 20% लौट पाई। इसी के चलते कुश्ती छोड़नी पड़ी। 2017 में ब्लाइंड जूडो ज्वाइन किया। 2019 से 14 इंटरनेशनल टूर्नामेंट में 12 मेडल जीते इनमें से 8 गोल्ड है।
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