कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के वैज्ञानिक द्वारा कृषकों के प्रक्षेत्रों का भ्रमण

राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी, प्राधिकृत अधिकारी कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के वैज्ञानिक डॉ. एन. के. सिंह द्वारा सिवनी विकासखंड के ग्राम टिकरीआमागढआगरीझिलमिली परासिया में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर लगी फसलों का निरीक्षण किया गया। जिसमें वर्तमान में धान फसल में जीवाणु पत्ती झुलसा रोग का प्रकोप देखा गया एवं नियंत्रण के लिए खेत से पानी की निकासी कर 5 किलो पोटाश उर्वरक का उपयोग प्रति एकड में डालने की सलाह दी गई एवं कॉपरऑक्सिक्लोराइड 200 ग्राम़+ स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट 9%+ टेट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 1%+ 120 ग्राम प्रति एकड 200 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव सुबह या दोपहर में करना चाहिए।

 

कुछ क्षेत्रों में धान की फसल में ब्लास्ट रोग का प्रकोप देखा गया नियंत्रण के लिए टेबुकोनाजोल 50% ट्राईफ्लाक्सी स्ट्रोविन 25% 80 ग्राम दवा या ट्राईसायक्लाजोल 75 डब्लू पी 100 ग्राम या आईसोप्रोथिलेन 40 प्रतिशत ई.सी. 250 मिली लीटर प्रति एकड की दर से छिडकाव करें या वैकल्पिक रूप से बेल के पत्तों का 25 ग्राम ताजी पत्तियों का रस या तुलसी की 25 ग्राम ताजी पत्तियों का रस या नीम की 200 ग्राम ताजी पत्तियों का रस प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करने पर रोग कम करने में मदद कर सकता है। कुछ खेतों में गाल मिज रोग का संक्रमण देखा गया है जिसमें नियंत्रण के लिए प्रिप्रोनिल 5% एस. सी. 500 मिली दवा या लेम्बडासाइहालोथ्रिन 5%ई.सी. 100 मिली प्रति एकड की दर से छिडकाव करें। अदरक की फसल में राइजोम राट रोग का प्रकोप देखा गया है नियंत्रण के लिए कॉपर आक्सीक्लोराइड का 400 ग्राम या मेटालेक्सिल मैन्कोजेब का 400 ग्राम दवा प्रति एकड की दर से घोल बनाकर छिडकाव करेंखेत में जल निकासी का उचित प्रबंध करें।

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