जमीन के टुकड़े के लिए की थी भाई-भाभी और भतीजी की हत्या, 10 साल बाद किसने लिया इंतकाम?

इटावा में दस साल पहले हुए जमीन के विवाद को लेकर हुए हत्याकांड के मामले में जेल गए हिस्ट्रीशीटर की भी करीब पांच बीघे जमीन के टुकड़े के कारण हत्या कर दी गई है. तिहरे हत्याकांड में जेल गए अन्य दो आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है. अपने सगे बड़े भाई-भाभी और तीन वर्ष की भतीजी को गोली मारकर दर्दनाक हत्या कांड को अंजाम दिया गया था. जेल से रिहा होने के बाद मृतक अपने परिवार के साथ मैनपुरी जिले में रहने लगा था. लेकिन कुछ महीने पहले मृतक अपने परिवार के साथ अपने मूल गांव ऊसराहार के इकघरा गांव में रहने लगा था. जिसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.

हिस्ट्रीशीटर की हत्या के मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर दामाद और उसके दो अन्य नामजद साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है.

राहगीरों ने दी घटना की जानाकारी

शनिवार सुबह 55 वर्षीय जयराम यादव पुत्र हुकुम सिंह यादव निवासी इकघरा ऊसराहार की गोली मर हत्या कर दी गई है. मृतक जयराम अपने घर से किसी काम के लिए साइकिल से निकला था, तभी रास्ते में घात लगाए बैठे हमलावरों ने उसके पेट में गोली मारकर हत्याकर दी. गोली मारने के बाद हमलावर फरार हो गए. राहगीरों ने घटना की जानकारी गांव के लोगों को दी गई. जिसके बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने मृतक की पहचान जयराम के रूप की. वहीं मौते पर पहुंची ऊसराहार थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. मृतक जयराम के बेटे ने अपने ताऊ के दामाद और उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है.

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