जिन्दगी कितनी कीमती होती है इस सवाल का जवाब उसी शख्स से पूछा जा सकता है जिसने किसी अपने को खोया हो. जब किसी की जान खतरे में होती है तो उसका एक-एक सेकंड बहुत कीमती होता है और ऐसे में जब कोई हमारे उस अपने की जान बचा ले तो वह शख्स उस पल किसी देवदूत से कम नहीं होता. ऐसे ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक शख्स के लिए पुलिस देवदूत बनकर आई. युवक ने खुद को फांसी लगा ली थी लेकिन, पुलिस ने वक्त पर आकर उसकी जान बचा ली.
सहारनपुर में एक युवक ने अपने परिजनों से विवाद और ग्रह कलेश से परेशान होकर खुद को फांसी पर लटका लिया. शायद उसका जीवन यहीं खत्म हो जाता, लेकिन समय रहते ही पुलिस की डायल 112 की टीम वहां पहुंच गई. पुलिस कर्मियों ने कमरे का दरवाजा तोड़ा और युवक को फंदे से उतारा फिर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जहां उसकी हालत स्थिर है. वह फिलहाल खतरे से बाहर है.
‘जल्दी आइए… बेटा फांसी लगाने जा रहा है’
घटना सहारनपुर के फतेहपुर थाना इलाके के छूटमलपुर कस्बे की है. छुटमलपुर के रहने वाले एक पिता ने डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी कि उनके बेटे ने परिवार से झगड़ कर खुद को कमरे में बंद कर लिया है. पिता फोन पर रो रहे थे और बोले कि बेटा फांसी लगाने जा रहा है, उसे बचा लें. कॉल पर पिता की सूचना के बाद फतेहपुर इलाके में तैनात डायल 112 की टीम में तैनात हेड कांस्टेबल अनुज कुमार, आरक्षी हरीशपाल ओर ड्राइवर नसीब खान बताए गए पते पर पहुंचे. तभी कर्मचारियों ने देखा कि युवक ने खुद कमरे में बंद कर रखा है और फांसी पर लटक चुका है.
युवक की हालत स्थिर
पुलिस टीम ने बिना मौका गंवाए कमरे का दरवाजा तोड़ा और फंदे पर लटके युवक को तुरंत नीचे उतारा. फिर उसको सांस दिलाने की कोशिश की, इसमें घरवालों ने भी मदद की लेकिन युवक की हालत बिगड़ते देख उसको तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया. अस्पताल में भर्ती युवक की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है. एसपी देहात सागर जैन का कहना है कि परिवारिक झगड़े के बाद युवक ने खुद को फांसी पर लटकाया था. टीम ने मौके पर पहुंचकर युवक को नीचे उतारकर अस्पताल में भर्ती करवाया है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.