भारत में 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी, जिसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है, लेकिन अब इस त्योहार को लेकर मध्य प्रदेश में तेजी से सियासत शुरू हो गई है, जहां बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे के आमने-सामने नजर आ रहे हैं और एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं.
दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने बयान जारी किया था कि सभी स्कूलों में, चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी उन में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. सरकार के इस बयान के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने स्कूलों में जन्माष्टमी का पर्व मनाने पर नाराजगी जताई.
सीएम मोहन यादव ने दिया जवाब
जहां एक तरफ कांग्रेस लगातार बीजेपी पर स्कूल में जन्माष्टमी मनाने को लेकर हमला कर रही है, इसी बीच सीएम मोहन यादव ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा, भगवान मथुरा से चलके उज्जैन शिक्षा ग्रहण करने आए थे, शिक्षा का महत्व उन्होंने 5000 साल पहले भी बताया था. उन्होंने आगे कहा, गरीब अमीर की दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण नारायण धाम पर है, जहां कृष्ण सुदामा की दोस्ती स्थापित हुई थी. भगवान कृष्ण की वीरता के प्रतीक के स्थान को अगर हम सब के सामने लाते हैं तो इसमें गलत क्या है.
सीएम ने कहा, जन्माष्टमी के अवसर पर क्या हम उनके स्थानों को स्मरण नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा, मथुरा में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाते हैं तो यह कांग्रेस के लोग मथुरा जाना छोड़ दे. भगवान के ऊपर अश्रद्धा करना यह अटपटी बाते हैं.
इमरान प्रतापगढ़ी को भी दिया जवाब
मध्य प्रदेश के छतरपुर में कोतवाली पर हुए पथराव को लेकर पुलिस ने आरोपी के घर पर गुरुवार को बुलडोजर चला दिया था, आरोपी मुस्लिम समुदाय का है. जिसपर कांग्रेस राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भड़क गए थे और उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए एक्स पर पोस्ट किया था. सीएम मोहन यादव ने इमरान प्रतापगढ़ी के पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा, कानून का जो उल्लंघन करेगा, कानून अपना रास्ता बनाएगा. सरकार समाज के काम में मददगार रहती है, सरकार असामाजिक तत्वों से निपटने में सक्षम है.
कांग्रेस ने क्या कहा था
सीएम मोहन यादव के जन्माष्टमी मनाने के बयान पर कांग्रेस विधायक और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य आरिफ मसूद भड़क गए थे, उनका कहना था कि अगर स्कूल में जन्माष्टमी मनाई जा रही है तो क्या ईद और गुरुनानक जयंती भी इसी तरह मनाई जाएगी? उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि अगर आप हिंदू धर्म के त्योहारों को महत्व दे रहे हैं तो मुस्लिमों के त्योहारों को भी मनाना चाहिए.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.