जल्द ही देश जन्माष्टमी का पर्व मनाने जा रहा है. मध्य प्रदेश में भी श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां तेज हैं. इसी बीच, एमपी सरकार के जन्माष्टमी को लेकर दिए गए एक आदेश को लेकर सियासत छिड़ गई है. सरकार ने आदेश जारी किया है की जन्माष्टमी का त्योहार शासकीय रूप से मनाया जाएगा. सभी शैक्षणिक संस्थानों में जन्माष्टमी मनाई जाएगी और उससे जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे. अब इसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जाहिर की है.
एमपी में जन्माष्टमी को लेकर विवाद शुरू हो गया है. मोहन यादव सरकार ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के सभी शासकीय / अशासकीय स्कूलों में जन्माष्टमी पर्व मनाना होगा. अब कांग्रेस ने इसका खुलकर विरोध किया है. कांग्रेस विधायक और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य आरिफ मसूद का कहना है कि यह देश गोडसे के विचारधारा से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा. अगर आप हिंदू धर्म के त्योहारों को तवज्जो दे रहे हैं तो मुस्लिमों के त्योहारों को भी मनाना चाहिए.
जन्माष्टमी मना रहे हैं तो ईद क्यों नहीं?
आरिफ मसूद ने कहा कि जब जन्माष्टमी पर सरकारी छुट्टी घोषित है तो स्कूलों में आयोजन कराने का क्या मतलब है? एक तरफ सरकार मदरसों को लेकर कुछ और कहती है और स्कूलों में जन्माष्टमी मनाने का सरकारी आदेश जारी करती है. ये दोहरा चरित्र नहीं चलेगा, अगर जन्माष्टमी मानने का आदेश दे रहे हैं तो पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों का क्या? क्या सरकार ईद और गुरुनानक जयंती भी इसी तरह मनाएगी?
बीजेपी विधायक ने किया पलटवार
इसे लेकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को जन्माष्टमी और हिंदू त्योहारों से क्या आपत्ति है? कांग्रेस तुष्टिकरण को लेकर इतनी ज्यादा गंभीर है कि उसे जनभावनाओं का ख्याल ही नहीं है. मोहन यादव का धन्यवाद के उन्होंने ये आदेश जारी किया. क्या स्कूलों में हिंदू त्योहार मनाना अपराध है? स्कूलों में सारे त्योहार मनाए जाते हैं, हम सब मनाएंगे, ईद नहीं मनाएंगे ये कैसी बात है? मध्य प्रदेश में इससे पहले गुरु पूर्णिमा के अवसर पर स्कूलों में सरस्वती वंदना को लेकर सरकारी आदेश जारी हुआ था. इसके बाद संघ प्रचारकों द्वारा लिखी हुईं किताबें कॉलेज स्टूडेंट्स को पढ़ाने को लेकर भी विवाद हुआ था. अब नया विवाद जन्माष्टमी को लेकर उठ खड़ा हुआ है. फिलहाल सरकार का कहना है कि अगर इन आदेशों से कांग्रेस को लगता है की शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है तो ये ही सही.
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