लगी ही नहीं थी रामपथ से चोरी हुई लाइटें, ठेकेदारों का खेल, अयोध्या प्रशासन ने खोल दी पोल

प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या नगरी भव्य रूप से सजाई गई थी. आकर्षक रूप देने के लिए जगह-जगह कलरफुल लाइटें, बैम्बू लाइट, गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगाई गईं थीं. पिछले दिनों शहर के भक्तिपथ और रामपथ पर लगाई गईं इन लाइटों की कथित रूप से चोरी हो गईं. यह मामला जब खुला तो इसकी जांच की गई. जिला प्रशासन ने दावा किया है कि जो बैम्बू लाइट और प्रोजेक्टर लाइट चोरी हुई, वह दरअसल वहां लगाई ही नहीं गईं थीं.

अयोध्या प्रशासन ने लाइटें लगवाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किए जाने की बात कही है. बैम्बू लाइट और गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरी की यह गूंज राजनीतिक गलियारे में पहुंची तो इस पर आरोप-प्रत्यारोप होने लगे. इस कथित चोरी में अब नया मोड़ आ गया है. स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि जिन लाइट के चोरी होने की बात कही जा रही है वे शायद कभी लगाई ही नहीं गईं.

ठेकेदारों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज

भक्तिपथ और रामपथ से कथित रूप से चोरी हुए बैम्बू लाइट और गोबो प्रोजेक्टर लाइट मामले में अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष गौरव दयाल का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. इन्हें लगाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सरकार को धोखा देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने का फैसला किया है. जबकि जिन फर्म द्वारा बैम्बू और गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगाई गईं थीं उसके प्रतिनिधि का कहना है कि चोरी हुई करीब 3800 बैम्बू लाइट तथा 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट का मामला राम जन्मभूमि थाने में दर्ज कराया गया है. चोरी हुए सामान की कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जा रहीं हैं.

चोरी के दो महीने बाद की गई शिकायत

प्राण प्रतिष्ठा के दौरान नगरी को भव्य रूप देने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ठेके के तहत फर्म यश एंटरप्राइजेज और कृष्णा ऑटोमोबाइल्स द्वारा राम पथ के पेड़ों पर 6400 बैम्बू लाइट और भक्ति पथ पर 96 गोबो प्रोजेक्टर लाइट लगवाई गई थीं. फर्म के प्रतिनिधि शेखर शर्मा के अनुसार, 19 मार्च तक सभी लाइट लग चुकी थीं, लेकिन नौ मई को निरीक्षण के बाद पता चला कि कुछ लाइट गायब हैं. जांच में मालूम हुआ कि करीब 3800 बैम्बू लाइट तथा 36 गोबो प्रोजेक्टर लाइट चोरों द्वारा चुरा ली गई हैं. इस मामले में एक चौंकाने वाला पेच भी है. चोरी हुई लाइटों का मामला 9 अगस्त को राम जन्मभूमि थाने में दर्ज कराया गया, जबकि दर्ज की गई शिकायत में इस फर्म को इस चोरी की जानकारी दो महीने पहले मई में हुई थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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