जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने चुनाव को लेकर बड़ी बात कही है. सिन्हा ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग के पास केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव तय करने का अधिकार है. साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. एक कार्यक्रम के दौरान एलजी सिन्हा ने यह बात कही.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर की समय सीमा दिया है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए राजीव कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चुनाव आयोग की टीम का गठन किया गया है. बता दें कि 2018 में पीडीपी-भाजपा सरकार के गिरने के बाद जम्मू-कश्मीर छह साल से अधिक समय से केंद्र सरकार के शासन में है.
जल्द होंगे विधानसभा चुनाव
जम्मू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान एलजी सिन्हा ने जून में श्रीनगर की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव जल्द ही होंगे. वहीं संसद में 5 अगस्त, 2019 को गृह मंत्री अमित शाह के दिए बयान का भी जिक्र किया. परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव होंगे और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा भी दिया जाएगा. चुनाव आयोग की पूरी टीम के हाल ही में जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे और दिल्ली लौटने से पहले राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उनकी बैठकों का भी जिक्र किया.
चुनाव आयोग ने किया दौरा
चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में पहले ही समीक्षा पूरी कर ली है. अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाएगा. इसके बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा होगी. संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में राजीव कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चुनाव आयोग की टीम का गठन किया गया है. हाल ही में राजीव कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चुनाव आयोग की टीम ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई 30 सितंबर की समय सीमा से पहले हुआ है.
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