नई दिल्ली : हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में वक्फ अमेंडमेंट बिल, 2024 पर तीखा विरोध जताया है। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस बिल को देश को बांटने के लिए लाया गया करार दिया। उनका कहना है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है और इसे जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि विभाजित करने के लिए प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने अपने भाषण की एक क्लिप भी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें उन्होंने इस बिल के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज की है।
गुरुवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ अमेंडमेंट बिल पेश किया। इस दौरान, विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया और विरोध किया। इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया है। ओवैसी ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जेपीसी में क्या होगा, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जेपीसी का गठन स्पीकर द्वारा किया जाएगा, और उसके सदस्यों के चयन पर अब तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।
किरण रिजिजू का बचाव: बिल के फायदों को बताया
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ अमेंडमेंट बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल 1954 के वक्फ एक्ट में सुधार के लिए है। रिजिजू ने कहा कि बिल का उद्देश्य वक्फ प्रॉपर्टी की आय को मुसलमान समुदाय के कल्याण के लिए खर्च करना है। उन्होंने यह भी कहा कि बिल में मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य कर दिया गया है। रिजिजू ने विपक्ष के हंगामे पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या किसी बिल को पेश करने के लिए किसी विशेष जाति या वर्ग से होना आवश्यक है?
कुछ सांसद बिल का समर्थन करने के बावजूद चुप
रिजिजू ने दावा किया कि कई विपक्षी सांसद इस बिल के समर्थन में हैं लेकिन पार्टी के दबाव के चलते खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी लाइन के चलते कई सांसद सार्वजनिक रूप से इस बिल का समर्थन नहीं कर पा रहे हैं। इस पर अमित शाह ने सांसदों के नाम का उल्लेख करने से मना किया, जिससे हंसी-ठिठोली की स्थिति बन गई।
JPC में समीक्षा और संभावित सुधार
वक्फ अमेंडमेंट बिल, 2024 को अब जेपीसी के पास भेजा गया है, जहां इसका विस्तृत अध्ययन और समीक्षा किया जाएगा। ओवैसी और अन्य विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद, सरकार इस बिल को मुसलमानों के कल्याण और वक्फ प्रॉपर्टी के सही उपयोग के लिए महत्वपूर्ण मानती है। जेपीसी की रिपोर्ट के बाद इस बिल की अंतिम स्थिति स्पष्ट होगी।
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