सना का शौहर बना पूजा का आशिक, किसी एक को चुनने की बारी आई तो कर डाला ये कांड…

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शादीशुदा मर्द ने पहले तीन बच्चों की मां को अपने प्रेम जाल में फंसाया. फिर उससे निकाह भी किया. लेकिन अपनी पहली पत्नी से जब भी वो मिलता तो नई बेगम से बात करना बंद कर देता. ये बात नई बेगम को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी. उसने इसका विरोध किया. कहा- हममें से किसी एक को चुनो. बस फिर क्या था, शौहर ने नई बीवी को ही मार डाला.

जानकारी के मुताबिक, तीन बच्चों की मां पूजा का अपने पहले पति टीटू से तलाक हो चुका था. पांच साल पहले वो आलम नाम के कार मैकेनिक से मिली. दोनों के बीच दोस्ती के बाद अफेयर शुरू हुआ. आलम पहले से ही शादीशुदा था और उसके बच्चे भी थे. पूजा की खातिर वो नोएडा में काम करने लगा. उसने विजयनगर में एक मकान किराए पर लिया. वहां पूजा के साथ लिव-इन-रिलेशन में रहने लगा. 6 महीने पहले उसने पूजा से निकाह भी कर लिया.

सना और आलम का तलाक चाहती थी पूजा लेकिन आलम का पूजा से निकाह के बाद भी पहली बीवी सना और अपने बच्चों से लगाव था. इसी बात पर आलम और पूजा के बीच अक्सर झगड़े होते थे. पूजा चाहती थी कि आलम पहली पत्नी को तलाक दे और सिर्फ उसके साथ रहे. लेकिन आलम ऐसा करने के लिए तैयार नहीं था. जब सना और उसके बच्चों को आलम की जरूरत होती तो वह कई-कई दिन तक पूजा से बात नहीं करता था. यही बात पूजा की जिंदगी पर भारी पड़ गई.

19 जुलाई को गंगनहर में फेंका

18 जुलाई को आलम अपने और सना के चार साल के बीमार बेटे को लेकर अस्पताल आया था. पूजा ने इस पर नाराजगी जाहिर की. कहा कि तुम्हें मुझमें और सना में से किसी एक को चुनना होगा. बस फिर क्या था. आलम ने पूजा को ही रास्ते से हटाने का इरादा बना लिया. 19 जुलाई को उसने पूजा को कहा कि आज हम कहीं घूमने चलते हैं. पूजा मान गई. दोनों कार में बैठकर घूमने के लिए निकले. रास्ते में ही गंगनहर के पास आलम ने कार रोकी. वहां पूजा क नगर में धक्का देकर मार डाला.

पुलिस को गुमराह करने की कोशिश

इसके बाद खुद ही पुलिस को पूजा की गुमशुदगी की तहरीर दे दी. पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की. 22 जुलाई को पूनम ने अपनी बहन पूजा के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराते हुए आलम पर ही शक जाहिर किया. पुलिस ने इस शक को ही जांच का आधार बनाया और मामले की सच्चाई सामने आ गई.

शव बरामद करना बड़ी चुनौती

पुलिस ने आलम के इकबालिया बयान पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब कोर्ट के सामने केस को स्थापित करने के लिए शव बरामद करना भी जरूरी है. बरसात के चलते गंगनहर उफान पर है. आलम को शव फेंके हुए भी छह दिन हो गए हैं. इतने दिनों बाद शव बहकर कहां पहुंच गया होगा, कहा नहीं जा सकता. इन परिस्थितियों के चलते पुलिस के सामने शव बरामद करना बड़ी चुनौती है.

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