परीक्षा में धांधली और पेपर लीक को रोकने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने विधानसभा में विधेयक पेश किया. बिल का नाम बिहार लोक परीक्षा (अनुसूचित साधन निवारण ) विधेयक 2024 है. ये सदन से बहुमत के साथ पारित भी हो गया. विधेयक में आरोपियों को 10 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना का प्रावधान किया गया है.
बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने कहा, ‘अपराध करने वाले का बचाव करने के लिए सदन से विपक्षी दल बाहर चले गए. बिहार की जनता भी देख रही है. पेपर लीक मामले को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है. 16 राज्यों में 48 ऐसे मामले आए हैं, जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी की गई है.’
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश के स्तर पर कानून लागू किया है और अब बिहार सरकार भी कानून लागू करने जा रही है. विजय चौधरी ने कहा कि बिहार में 1981 में जो कानून थे उसमें सजा के कड़े प्रावधान नहीं थे, केवल 6 महीने की ही सजा थी. विजय चौधरी ने कहा, इस बार हम लोगों ने सख्त कानून बनाया है. गड़बड़ी में शामिल लोगों को तीन से पांच साल तक की सजा होगी और 10 लाख तक जुर्माना होगा. संगठित रूप से अपराध करने वाले को 5 से 10 साल तक की सजा और 1 करोड़ तक जुर्माना का प्रावधान है.
ये बिल भी हुए पास
इस विधेयक के अलावा नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 भी ध्वनिमत से पारित हो चुका है. बिल में नगर निकायों के पार्षदों से महापौर और उप महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और इसके जरिए उन्हें हटाने की शक्ति छीनने की बात कही गई है.
वार्ड पार्षदों की शक्तियों को सीमित करने वाले इस विधेयक को बिहार के शहरी नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन द्वारा विधानसभा में पेश किया गया था. इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब महापौर और उपमहापौर के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने में विभाग की अहम भूमिका होगी.
इसके अलावा, विधानसभा में दो अन्य विधेयक- बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2024 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक, 2024 भी ध्वनिमत से पारित किए गए.
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