बाइक पर बैठ फरार हुईं थीं लड़कियां, सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज, चार युवकों संग जाते दिखीं

मंदसौर। मंदसौर के निराश्रित बालिका गृह ‘अपना घर’ में रहने वाली 2 लड़कियां 20 जुलाई से फरार हैं। पुलिस दोनों को खोजने में जुटी है। इन दोनों लड़कियों को बाल कल्याण समिति ने यहां भेजा था। इसी बीच अपना घर में लगे सीसीटीवी फुटेज में दोनों लड़कियां दो बाइक पर आए चार युवकों के साथ जाते हुए दिख रही हैं। पुलिस अब बाइक नंबर के आधार पर लड़कियों को खोजने में जुटी है।

लड़कियों के साथ ही आरोपितों की तलाश के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। पुलिस टीम अपना घर के आस-पास से लेकर लड़कियों के भागने के संभावित रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाल रही है।

पुलिस के अनुसार दोनों लड़कियों की उम्र लगभग 15 से 17 साल के बीच है। एक कपासन जिला चित्तौड़गढ़ (राज.) की रहने वाली है। दूसरी लड़की नीमच केंट की है। डेढ़ माह से दोनों अपना घर में रह रही थी।

दोनों को कूदता देखकर बाकी लड़कियों ने शोर मचाया

  • 20 जुलाई को सुबह 6 बजे के आस-पास दोनों अपना घर परिसर में लगी जाली कूदकर फरार हो गई थी।
  • अपना घर के संस्थापक राव विजयसिंह ने बताया कि अलसुबह लड़कियां दूसरी मंजिल से नीचे आईं।
  • यहां अभी 23 लड़कियां हैं। सुबह का वक्त था इसलिए ज्यादातर बालिकाएं जाग गई थीं।
  • वे अपने काम में व्यस्त थीं। दोनों को जाली से कूदता देख बाकी लड़कियों ने शोर मचाया।
  • आवाज सुनकर कर्मचारी उन्हें पकड़ने दौड़े, लेकिन वे गाड़ी में बैठकर निकल गईं।
  • हमने पुलिस को सूचना दी, लेकिन वे हाथ नहीं आईं।
  • दोनों लड़कियों को लेकर पहले ही बाल कल्याण समिति को पत्र लिखकर कहा था कि इन्हें कहीं और शिफ्ट कर दें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब नतीजा सामने हैं।

पहले भी यहां भाग चुकी है लड़की

शादी के बाद भाग चुकी है एक लड़की दोनों लड़कियां इससे पहले भी अपने घर से भाग चुकी है। कपासन जिला चित्तौड़गढ़ की रहने वाली लड़की की शादी नाहरगढ़ में हुई थी। यहां से वह एक युवक के साथ चली गई थी। इसकी एफआईआर भी नाहरगढ़ थाने में दर्ज है। पुलिस ने तब मामले में 363, 366, 376(2) में प्रकरण दर्ज किया था। लड़की के बरामद होने के बाद बाल कल्याण समिति ने उसे 8 जून 2024 को अपना घर भेज दिया था। इसके बाद से यह अपना घर में रह रही थी।

घर वालों के साथ जाने से किया इंकार

नीमच निवासी दूसरी लड़की भी किसी युवक के साथ घूमने गई थी। नीमच केंट थाने पर उसकी गुमशुदगी दर्ज हुई थी। पुलिस ने उसे बरामद किया तो किशोरी ने स्वजनों के साथ जाने से इनकार कर दिया। 28 जून 2024 को उसे भी बाल कल्याण समिति ने अपना घर भेज दिया था। इन्हीं सब मामलों को देखते हुए अपना घर की ओर से पत्र लिखकर लड़कियों को कहीं और शिफ्ट करने को कहा गया था।

दूसरे जिलों या राज्यों की लड़कियां यहां नहीं रख सकते

    • राव विजयसिंह ने बताया कि अन्य जिलों या राज्यों की जो लड़कियां हैं उन्हें बाल कल्याण समिति को उन्हीं के जिले में भेजना चाहिए।
    • कई बार दो साल तक बाहरी राज्यों की लड़कियां यहां रहती हैं।
    • लड़कियों को यहां नहीं रहना था लेकिन बाल कल्याण समिति ने उन्हें नहीं जाने दिया।
    • एक बार एक लड़की ने तो सुसाइड करने की कोशिश की थी। एक लड़की ने फिनाइल पी लिया था।
    • आज तक जितनी भी लड़कियों ने भागने की कोशिश की, उन्होंने अपने बयान में यही कहा कि बाल कल्याण समिति उन्हें जाने नहीं देती है इसलिए ऐसा कदम उठाना पढ़ता है।
    • बाल कल्याण समिति के एक पदाधिकारी सिंगल हस्ताक्षर पर आदेश जारी कर देते हैं, जबकि इसकी समिति बनी हुई है। किसी भी आदेश पर समिति के सदस्यों की भी राय जरुरी होती है।

अपना घर की अधीक्षिका ने की थाने में शिकायत

अपना घर की अधीक्षिका भारती शर्मा ने पुलिस को शिकायत की थी कि अपना घर सीतामऊ फाटक मंदसौर में चित्तौड जिले की रहने वाली 17 साल 9 महीने की नाबालिग लड़की 8 जून 2024 को और नीमच जिले की 15 साल 8 महीने की नाबालिग 28 जून 2024 को संस्था में प्रवेश दिया गया था। 20 जुलाई को सुबह पौने 6 बजे दोनों नाबालिग संस्था को बिना बताए किसी के साथ चली गईं। हमने दोनों को तलाशा, लेकिन वे नहीं मिलीं। उन्होंने शंका जाहिर की कि अज्ञात बदमाश बाइक से आए और दोनों को भगाकर ले गए। पहले भी दोनों बालिकाएं अपना घर से बिना बताए कहीं चली गई थीं।

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