वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने आज मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-2025 पेश कर दिया है. बजट में खेती और किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं, लेकिन बजट से किसान ज्यादा खुश नहीं बताए जा रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जमीनी स्तर पर इस बजट से कोई फायदा नहीं होने वाला है. सरकार फसलों की उचित कीमत देनी चाहिए.
बजट पर निराशा जाहिर करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें (केंद्र को) यह बजट कागजों पर तो ठीक लगता होगा, लेकिन जमीनी स्तर पर इससे किसानों को किसी तरह का कोई फायदा नहीं होने वाला है. कंपनियों को इसका लाभ जरूर होगा. जो आर्गेनिक या नेचुरल खेती की बात है तो इसके लिए कोई एनजीओ, कंपनी या फिर कोई संस्था होगी जो यह काम लेगी और कहेगी कि हमने इतने किसानों को खेती करना सिखाया. किसानों को सिखाने का इतना खर्चा आदि आएगा. मतलब यह कि सीधा लाभ उन्हें मिलेगा.
किसानों को लाभ पहुंचाया जाएः टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसानों को लाभ पहुंचाना है तो उसे उसकी फसलों की पूरी कीमत देनी होगी. इसके लिए खास प्रावधान करना पड़ेगा. किसानों को खेती के लिए मुफ्त में पानी चाहिए. मुफ्त में बिजली और सस्ती खाद चाहिए, किसानों के लिए खेती के उपकरणों पर जीएसटी कम करना चाहिए.” उन्होंने कहा कि किसानों के स्वास्थ्य पर क्या किया गया. उनके लिए शिक्षा मुफ्त की जानी चाहिए.
बजट में किसानों के लिए क्या
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने सातवें बजट की शुरुआत में कहा कि अगले 2 साल में देशभर में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी. इसके लिए 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे. साथ ही सरकार जलवायु अनुकूल बीज विकसित करने के लिए अनुसंधान की व्यापक समीक्षा भी करेगी.
बजट में किसानों के उत्पादकता बढ़ाने और खेती में सहनीयता लाने के उपायों के एक हिस्से के रूप में बजट में कृषि अनुसंधान पर जोर देने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा और राष्ट्रीय सहकारिता नीति जैसे विभिन्न उपायों की घोषणा की गई है. बजट में किसानों की फसलों की उच्च उपज वाली 109 नई किस्मों और जलवायु अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा की गई है.
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