NEET UG: जिस सवाल को लेकर हुआ बवाल IIT दिल्ली ने बता दिया उसका सही जवाब, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
नीट यूजी 2024 परीक्षा मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. कमेटी के मुताबिक, विवादित सवाल का जवाब ‘D’ बताया है. दरअसल, बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को निर्देश दिया था कि वह नीट यूजी एग्जाम में पूछे गए सवाल नंबर 19 यानी फिजिक्स के प्रश्न का सही उत्तर बताए.
IIT दिल्ली ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके भौतिकी विशेषज्ञों की राय है कि एक प्रश्न के लिए सिर्फ एक विकल्प “परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज होते हैं” सही है. दूसरा विकल्प, “प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं” सही है. NTA ने दोनों विकल्पों में से किसी एक को सही चुनने वालों को पूरे 4 अंक देने का फैसला किया था. करीब 9 लाख उम्मीदवारों ने पहला विकल्प चुना था, जबकि 4 लाख से अधिक ने दूसरा विकल्प चुना था.
भौतिकी विभाग से 3 विशेषज्ञों ने सवाल की जांच की
CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि IIT दिल्ली की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें कहा गया है कि IIT दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर बनर्जी ने भौतिकी विभाग से तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की, जिसने चौथे ऑप्शन को ही सही माना है. वहीं, एक वकील द्वारा व्यक्तिगत मामले को उठाए जाने पर CJI ने कहा कि जिन उम्मीदवारों को व्यक्तिगत शिकायतें हैं हम उन्हें हाईकोर्ट जाने को कह सकते हैं. मुझे नहीं लगता कि इस कोर्ट का काम व्यक्तिगत शिकायतों पर गौर करना है. हम उन मामलों को अलग कर देंगे.
टॉप 100 छात्रों मे से कितने छात्र लीक वाले सेंटर से मिले- सीजेआई
सॉलिसिटर जनरल की दलील को लेकर CJI ने पूछा कि टॉप 100 छात्रों मे से कितने छात्र लीक वाले सेंटर से मिले थे? इस पर एसजी ने कहा कि इसकी पूरी जानकारी देंगे. NEET-UG की परीक्षा में व्यापक स्तर और गड़बड़ी नहीं हुई है क्योंकि टॉप 100 कैंडिडेट 95 सेंटर और 56 शहरों से हैं. याचिकाकर्ताओं ने कुछ सेंटर मे गड़बड़ी की ओर इशारा किया है, लेकिन यह 24 लाख छात्रों से जुड़ा मसला है. कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या गड़बड़ी का पूरे देश पर असर हुआ है. इसका जवाब है कि पूरे देश पर कोई असर नहीं हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुरुआत में गलत केनरा बैंक का पेपर दिया गया था? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ सेंटर पर प्रश्नपत्र अलग-अलग भाषा के माध्यम वाले भी दिए गए थे, जिनमें सवाई माधवपुर, राजस्थान और गाजियाबाद शामिल थे. इसपर एसजी ने कहा कि गाजियाबाद के बारे में इस तरह की कोई जानकारी नहीं है. कोर्ट ने पूछा कि इसका पता कब चला? याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सवाई माधवपुर में छात्रों को ढाई बजे सोशल मीडिया पर पता चला और यह हलफनामे में कहा गया है. दो बजे परीक्षा शुरू हुई, प्रश्न दिए गए और छात्रों ने शिकायत की कि यह मेरे मीडियम का पेपर ही नहीं है, जबकि ये बात NTA को उसी दिन साढ़े चार बजे पता चली.
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