आराम की ऐसी आदत कि कार्यालय में भी नहीं छूटती, दमेाह में ड्यूटी के दौरान बुजुर्ग से मालिश करवाते हैं बैंक शाखा प्रबंधक
पथरिया दमोह। एमपी के दमोह के पथरिया में बैंक में अक्सर आम आदमी को छोटे-छोटे कामों के लिए ज्यादातर इस काउंटर से उस काउंटर और लंच के बाद या फिर आज और कल के चक्कर लगवाए जाते हैं। कई बार इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी भड़ास निकालते हुए दिखाई देते हैं। दमोह के सहकारी बैंक महाप्रबंधक अनुपम खरे बोले-आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पैर में दर्द हो रहा था इसलिए पैर की मालिश करवा रहे
जब हमने उनसे इस संबंध में जानकारी ली तो शाखा प्रबंधक राजेश जैन अपनी अकड़ दिखाते हुए कह रहे है कि थक गया था पैर में दर्द हो रहा था इसलिए पैर की मालिश करवा रहे थे। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पथरिया सेवा सहकारी बैंक में कार्यरत इन बैंक कर्मी अपनी ड्यूटी को किस तरह से अंजाम दे रहे हैंं और कितनी सिद्दत से साहब अपना काम कर रहे।
एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ
इस बार अफसर शाही का एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें शाखा प्रबंधक द्वारा नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए ड्यूटी के दौरान सिर्फ आराम ही नहीं फरमाया जा रहा है, बल्कि एक बुजुर्ग व्यक्ति से अपने पैरों की मालिश भी करवाई जा रही है।
बुजुर्ग से अपने पैरों की मालिश करवा रहे हैं
ब्लाक पथरिया में जहां सेवा सहकारी बैंक शाखा प्रबंधक राजेश जैन ड्यूटी के दौरान अपनी कुर्सी पर आराम फरमाते हुए करीब 60-65 वर्षीय एक बुजुर्ग से अपने पैरों की मालिश करवा रहे हैं। मालिश का यह वीडियो बैंक पहुंचे किसी ने बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग को पथरिया नगर में आए दिन देखा जाता है जो दोपहर में बैंक किसी काम से पहुंचा था तो मैनेजर राजेश कुमार जैन ने उससे पहले अपने पैर की मालिश कराई।
कार्यालय में आने के बाद आराम करने बैठ जाते हैं
दरअसल कस्बों में किसानों के लिए लेन देन करने समिति बनाई गई है, जहां से किसान अपनी जमा पूंजी रखते हैं और जरूरत पड़ने पर कर्ज लेकर खेतीबाड़ी कर जीवन बसर करते हैं। यह समितियां कस्बों में एक शाखा से जुड़ी रही होती है, ऐसी ही एक शाखा पथरिया के झंडा चौक पर खुली है जहां का यह वीडियो वायरल हुआ है। शाखा प्रबंधक राजेश कुमार जैन को आराम करने की ऐसी आदत है कि कार्यालय में आने के बाद आराम करने बैठ जाते हैं और किसी न किसी मजबूर किसान को बुलाकर हाथ पैर दबवाने में जुट जाते हैं।
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