झारखंड के रांची से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां सहायक पुलिसकर्मी पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हुए थे. वह अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने पर जिला पुलिस में समायोजित करने की मांग कर रहे थे. जब वह मांग करते हुए सीएम आवास को घेरने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वो कांके रोड के पीछे से वहां पहुंच गए. पुलिस और जवानों ने उन्हें वहां भी रोका, लेकिन वह नहीं माने. उसके बाद उनके बीच जमकर मारपीट हो गई. इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. उनको इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
मामला रांची के मोरहाबादी मैदान का है. यहां पिछले 18 दिनों से सहायक पुलिसकर्मी धरने पर बैठकर समान काम, समान वेतन की मांग कर रहे थे. इस दौरान वह मैदान छोड़कर सीएम आवास घेरने के लिए निकले. वहां उन्हें पुलिस और आईआरबी के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं रुके. उन्होंने सिटी एसपी राजकुमार मेहता को धक्का देकर सामने से हटा दिया और मारपीट शुरू कर दी.
क्यों किया धरना?
नक्सल प्रभावित आठ जिलों के लिए 2017 में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों को तीन साल के कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल किया गया था. उसके बाद से हर साल बाद उनके कॉन्ट्रैक्ट को बढ़ाया जाता था. अब नौ अगस्त को इनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने वाला है. इसलिए वह अपनी मांगो को लेकर धरने पर बैठे हुए थे. लेकिन लंबे समय से धरने पर बैठने के बावजूद भी उनकी मांगें नहीं सुनी जा रही हैं.
पुलिसकर्मी हुए घायल
हंगामा करने के कारण धरना करने वाले पुलिस और बचाव के लिए आए पुलिसकर्मियों के बीच मारपीट हुई. जिला पुलिस और आईआरबी की पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. साथ ही चार महिला सहित 11 सहायक पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं और तीन के सिर भी फट गए. सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.