पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी शंभू बॉर्डर नहीं खुला. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिए थे कि एक हफ्ते के अंदर बैरिकेड हटाए जाएं और रास्ता खोल दिया जाए. 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने ये आदेश जारी किए थे, आदेश जारी किए को एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन शंभू बॉर्डर पर स्थित जस की तस ही बनी हुई है. दिल्ली अमृतसर नेशनल हाईवे को खुलवाने के लिए एक जनहित पिटीशन डाली गई थी जो की एडवोकेट उदय प्रताप ने डाली थी. हालांकि अब वीरवार वो कंटेंप्ट पिटिशन हाईकोर्ट में डालने वाले हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार की तरफ से अभी तक रास्ता खोला नहीं गया है.
दूसरी तरफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है 13 जुलाई को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी इस मामले में 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में हरियाणा सरकार ने कानून व्यवस्था को आधार बनाया है, उनका कहना है की कानूनी व्यवस्था पर स्पष्ट उल्लेख करने के बावजूद हाई कोर्ट ने जमीनी हकीकत को जाने बिना ही शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए हैं. उनका कहना था कि संविधान के तहत कानून व्यवस्था का विषय राज्य सरकार का होता है, यानी हरियाणा सरकार का साफ तौर पर कहना है कि अगर रास्ता खुलेगा तो कानून व्यवस्था डगमगा सकती है.
किसानों ने दिल्ली कूच करने का किया ऐलान
हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद भी किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली जाने का ऐलान कर दिया है. किसान नेट जगजीत सिंह ढले वालों ने कहा था जैसे ही शंभू बॉर्डर के बैरिकेड खुलेंगे वह दिल्ली की तरफ रवाना हो जाएंगे बस उनको अपना समान ही वहां से समेटना है और ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर वह दिल्ली जाएंगे. किसान लगातार बोलने आ रहे हैं कि यह रास्ता हमने नहीं रोका बल्कि हरियाणा सरकार ने रोका हुआ है. किसानों का यह भी कहना है कि हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद साफ हो गया है की हरियाणा सरकार ने ही रास्ता जाम किया है. और हरियाणा सरकार की तरफ से रास्ता ब्लॉक करने पर व्यापारियों को भी नुकसान हुआ है. हर रोज आने-जाने वाले लोग भी परेशान हो रही हैं उनका कहना है की सरकार हमारी मांगे मान ले हम वापस चले जाएंगे.
5 महीनों से चल रहा किसानों का धरना
शंभू बॉर्डर पर किसानों का धरना 13 फरवरी से जारी है. किसान एमएसपी की लीगल गारंटी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली जाने के लिए निकले थे लेकिन हरियाणा सरकार ने पटियाला जिले और अंबाला के बीच बने हुए शंभू बॉर्डर पर उनको रोक लिया. जब किसानों को रोका गया तो उस दिन हंगामा भी खूब हुआ था. जब हरियाणा पुलिस की तरफ से आठ लेयर की वहां पर बैरिकेडिंग की गई तो किसानों ने इसको तोड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन वह नाकाम रहे थे,तो किसान वहीं पर बैठे थे. तब से किसानों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है. साथ ही हरियाणा पंजाब के खनोरी बॉर्डर पर भी किसान इसी तरीके से बैठे हैं.
अब आगे क्या?
किसान शंभू बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वो दिल्ली की तरफ कूच कर सकें. दूसरी तरफ हरियाणा सरकार बैरिकेड इसलिए नहीं खोल रही है क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची हुई है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है. इस मामले पर 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. अगर हाई कोर्ट में कल कंटेंप्ट पिटिशन डाली जाती है तो हाई कोर्ट उस पर तुरंत जवाब देता है तो हरियाणा सरकार के लिए मुश्किल भी खड़ी हो सकती है. क्योंकि रास्ता खोलने के लिए हाईकोर्ट ने ही सख्त आदेश दिए थे.
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