उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मुस्लिम महिला ने हिंदू धर्म अपना लिया है. रुहेलखंड इलाके में तीन तलाक और हलाला के डर से मुस्लिम एक मुस्लिम महिला ने हिन्दू धर्म अपनाकर पूरे रीति रिवाज से अपने प्रेमी से शादी कर ली. बदायूं की फारिया ने इस्लाम छोड़कर सनातन की राह चुन ली है. अब वह दुर्गा बनकर अपनी जिंदगी जिएंगी. फारिया सनातन शुद्धिकरण के बाद वैदिक रीति रिवाज से अपने साथी दिनेश के साथ विवाह के पवित्र बंधन में बंध गई हैं.
दरअसल उत्तर प्रदेश के बदायूं की रहने वाली है फारिया ने सनातन संस्कार अपना लिया है. फारिया ने बताया कि शुरू से उनकी हिन्दू धर्म में गहरी आस्था थी. मुस्लिम परिवार में पली-बढ़ीं फारिया को आगे चलकर तीन तलाक और हलाला का डर सताता था. उन्होंने बदायूं के ही रहने वाले दिनेश के साथ स्कूल में पढ़ाई की थी और आपस में वह गहरे दोस्त थे.
कट्टरपंथी परिवार ने लगाया था प्रतिबंध
कट्टरपंथी सोच रखने वाले उनके परिवार को दिनेश से उसकी दोस्ती की जानकारी हुई तो वो विरोध में उतर आए और उस पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगा दिए. युवती का कहना कि बालिग होने के बाद उसने अपनी जिंदगी का फैसला खुद करने की ठानी और करीब एक महीना पहले घर छोड़ दिया. उन्होंने दिनेश को जीवन साथी बनाने का निर्णय कर लिया. दिनेश के घरवाले फारिया को अपनाने के लिए पहले से तैयार थे. बदायूं में उनको खतरा था तो दोनों वाराणसी जा पहुंचे और वहां के एक मंदिर में शादी कर ली.
भगवान शिव के मंदिर में की शादी
इसके बाद उन्होंने कोर्ट मैरिज भी की. शनिवार को वह दोनों बरेली पहुंचे और यहां भुता क्षेत्र में आश्रम संचालित करने वाले योगी सरोज नाथ से संपर्क किया. फारिया के बालिग होने के प्रमाण सामने आने के बाद योगी सरोजनाथ ने आश्रम में उन्हें हिन्दू धर्म ग्रहण करवाया. भगवान शिव के मंदिर में दोनों की धूमधाम से मंत्रोच्चार के बीच वैवाहिक संस्कार संपन्न कराए गए. फारिया ने सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद अपना नाम दुर्गा रख लिया है. उनका कहना है कि दिनेश के साथ वह खुश हैं और अब उनको तीन तलाक, हलाला का कोई डर नहीं है.
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