हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का बहुत अधिक महत्व है. मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व सभी देवी भक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है. यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बड़ी धूमधाम और भक्ति के साथ मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस पावन अवसर पर मां आदिशक्ति की आराधना करते हैं, उन्हें नवरात्र के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इस बार मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durga Ashtami) 14 जुलाई को मनाई जाएगी. इस दिन बनने वाले शुभ योग में पूजा करने से उसका दोगुना फल प्राप्त होगा. इसके साथ ही घर में खुशहाली का आगमन होगा.
शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 14 जुलाई को शाम 05 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, आषाढ़ माह की मासिक दुर्गाष्टमी 14 जुलाई दिन रविवार को मनाई जाएगी.
मासिक दुर्गाष्टमी पर बन रहे हैं ये 4 शुभ योग
- रवि योग – रात्रि 10 बजकर 06 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक.
- अभिजित मुहूर्त – प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक.
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से दोपहर 03 बजकर 40 मिनट तक.
- अमृत काल – दोपहर 02 बजकर 57 मिनट से शाम 04 बजकर 44 मिनट तक.
मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा
- मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सबसे पहले स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें.
- माता दुर्गा के जलाभिषेक के लिए एक चौकी पर प्रतिमा स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें.
- मां दुर्गा का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें.
- अब माता को लाल चंदन, सिंदूर, शृंगार का समान और लाल पुष्प अर्पित करें.
- मंदिर में दुर्गा माता के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें.
- पूरी श्रद्धा के साथ माता दुर्गा की आरती करें और क्षमा प्रार्थना करें
- अंत में दुर्गा माता को भोग लगाकर लोगों को प्रसाद वितरित करें.
इन मंत्रों का करें जाप
1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
2. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन जो भक्त पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की आराधना करते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. मां दुर्गा उन लोगों की विनती जरूर पूरी करती हैं और लोगों को अपना आशीर्वाद देती हैं. मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और जीवन में आने वाली परेशानियों की मुक्ति मिलती है. इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.