बनवार दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में बनवार थाना क्षेत्र के हटरी गांव में एक मगरमच्छ का आतंक देखने को मिला। यहां व्यारमा नदी में शनिवार की सुबह अपने पिता के साथ नहाने के लिए गए एक आठ साल के बच्चे को मगरमच्छ नदी के अंदर खींच ले गया।
यह घटना इतने कम समय में हुई कि बच्चे का पिता चाहकर भी अपने जिगर के टुकड़े को नहीं बचा पाया। नदी में काफी देर तक बच्चे की तलाश की गई। इधर एसडीआएफ की टीम मौके पर पहुंच कर तलाश में जुटी है। वहीं जिस जगह शनिवार को घटना हुई, वहीं पास में ही शुक्रवार को भी एक मगरमच्छ ने 45 वर्षीय बबलू पटेल पर पर हमला किया था।
पिता-पुत्र दोनों पास-पास ही नहा रहे थे
हटरी में रहने वाला आठ साल का कृष्णा अपने पिता अर्जुन लोधी के साथ सुबह-सुबह नहाने के लिए व्यारमा नदी गया था। पिता-पुत्र दोनों पास-पास ही नहा रहे थे। इसी दौरान शिकार की तलाश में बैठे एक मगरमच्छ ने कृष्णा पर हमला बोल दिया। यह हमला इतना तेज और शक्तिशाली रहा कि न तो कृष्णा की अपने बचाव में कुछ कर पाया और न ही उसके पिता अर्जुन को कुछ करने का मौका मिल पाया।
पल भर में मगरमच्छ कृष्णा को नदी की गहराई में ले गया
लाचार पिता की आंखों के सामने ही पल भर में मगरमच्छ कृष्णा को नदी की गहराई में ले जाकर खो गया। इस घटना के चलते गांव में हड़कंप मच गया। जानकारी मिलने के बाद बनवार पुलिस, वनविभाग और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। नदी के पानी में बच्चे की तलाश जारी है, लेकिन अब तक न तो बच्चे का शव प्राप्त हो सका है और न ही अपने शरीर के अवशेष।
एक दिन पहले भी किया था हमला
जिस जगह शनिवार को घटना हुई, वहीं पास में ही शुक्रवार को भी एक मगरमच्छ ने 45 वर्षीय बबलू पटेल पर हमला बोला था। बबलू नदी किनारे शौच के लिए गया था, इसी दौरान मगरमच्छ ने हमला कर उसके पैर को अपने जबड़े में पकड़ कर उसे नदी के अंदर खींचना शुरू कर दिया।
पैर का मांस तो खरोंच ले गया, लेकिन उसके प्राण बच गए
बबलू ने तत्काल एक पेड़ को पूरी ताकत से पकड़ लिया जिससे मगरमच्छ उसके पैर का मांस तो खरोंच ले गया, लेकिन उसके प्राण बच गए। गंभीर रूप से घायल बबलू को इलाज के लिए दमोह के जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे मेडिकल कालेज जबलपुर के लिए रेफर कर दिया गया।
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