यूपी में अब होगी BJP प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, विपक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया को बड़ा हथियार बनाने की तैयारी

इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सबसे अधिक उम्मीदें यूपी से थीं, लेकिन पार्टी की 29 सीटें यहां कम हो गईं. उसके बाद से संगठन और सरकार में हार की समीक्षा का दौर जारी है. आखिर बीजेपी का प्रदर्शन इतना खराब क्यों रहा? इसके कारण तलाशे जा रहे हैं. बीजेपी के चालीस नेताओं के टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में दे दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ भी लगातार विधेयकों से फीडबैक से रहे हैं, लेकिन अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई है. इसी बीच रविवार को लखनऊ में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है.

बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष पिछले हफ्ते लखनऊ के दौरे पर थे. यूपी की प्रदेश कार्यकारिणी का एजेंडा उसी समय तय हो गया था. पहले ये फैसला हुआ था कि इस बैठक में मंडल अध्यक्षों को भी बुलाया जाएगा. यूपी में 1918 मंडल अध्यक्ष है, लेकिन बाद में ये फैसला बदल गया. अब बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी में मंडल अध्यक्ष नहीं बुलाए जाएंगे. इस बैठक का उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. बीजेपी के सभी सांसदों, विधायकों और लोकसभा उम्मीदवारों को बुलाया गया है. मीटिंग में पार्टी के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

पेश हो सकते हैं ये तीन प्रस्ताव

इस बार कार्यकारिणी की बैठक में तीन प्रस्ताव पेश किए जाने की चर्चा है. सबसे पहले राजनीतिक प्रस्ताव पेश होगा. जिसमें लगातार तीसरी बार केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के लिए जनता का धन्यवाद किया जाएगा. इस प्रस्ताव में बताया जाएगा कि देश का जनादेश बीजेपी के साथ है. एक आर्थिक प्रस्ताव पेश किए जाने का भी फैसला हुआ है. जिसमें देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का जिक्र होता. डबल इंजन की सरकार ने इस मामले में जो बेहतर काम किया है उसका जिक्र होगा.

सोशल मीडिया पर कम हो रही पकड़ से बीजेपी चिंतित

पता चला है कि सोशल मीडिया को लेकर भी एक प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. इस प्रस्ताव में विपक्ष के झूठे नैरेटिव की चर्चा होगी. ये बताया जाएगा कि विपक्ष कैसे संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का भ्रम फैलाया. जिसकी वजह से पार्टी के चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही पार्टी सोशल मीडिया में कम हो रही पकड़ को लेकर चिंतित है. दिन भर चलने वाली राज्य कार्यकारिणी में इन सभी प्रस्तावों पर विस्तार से बहस होगी. यूपी में विधानसभा की दस सीटों पर उप चुनाव भी होने हैं. समझा जा रहा है कि इस पर भी चर्चा हो सकती है.

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