इटारसी। देश के बड़े रेल जंक्शन से पांच दिन पहले चार माह के एक दुधमुंहे बच्चे का अपहरण हो गया था। जीआरपी ने किशनगंज बिहार से अपहृणकर्ताओं के चंगुल से बच्चे को छुड़ा कर उसके माता-पिता को सौंप दिया है।
जीआरपी थाना प्रभारी राम सनेही चौहान ने बताया कि 7 जुलाई को फरियादी 28 वर्षीय प्रीति पति स्व. ब्रजेश ओझा निवासी सिराली, जिला हरदा अपनी बहन बीनू के साथ सिराली हरदा से इटारसी आई थी। रात में वह प्लेटफॉर्म नंबर 1 फुट ब्रिज के सामने चबूतरे पर अपने बालक के साथ सो गई थी। नींद खुलने पर देखा तो उसका बच्चा मल्हार गायब था।
मामले में महिला ने आरपी में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने अपराध क्रमांक 548/24 धारा 137(2) बीएनएस का पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस अधीक्षक रेल मृगाखी डेखा, उप पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह कुल्हाड़ा के निर्देश पर थाना प्रभारी राम स्नेही चौहान के नेतृत्व में तत्काल टीम गठित करते हुए रेलवे स्टेशन के कैमरों के फुटेज खंगाले।
टीम को पता चला कि मामले के मुख्य संदेही बच्चे को लेकर दानापुर सिकंदरबाद एक्सप्रेस से बिहार की ओर गए हैं। सूचना पर जीआरपी की एक टीम तत्काल आरोपियों का पीछा करते हुए बिहार रवाना हुई। टीम ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर किशनगंज बिहार से आरोपियों को पकड़ लिया।
दोनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
दरअसल, मप्र में गली-गली शहद बेचने वाले दंपत्ति सुमन करोड़ी और उसकी पत्नी बसंती देवी निवासी वनमनखी जिला पूर्णिया बिहार को गिरफ्तार किया है।
मां को नींद में पाकर किया अपहरण
आरोपियों ने बतया कि बच्चे की मां भी झाड़ू बनाकर बेचने का काम करती है। हरदा में उनकी मां से पहचान हो गई थी, इसके बाद सभी इटारसी आ गए थे। रात में दंपत्ति को अपने गांव जाना था। इसी दौरान मां को नींद ने पाकर दोनों बच्चे को लेकर भाग गए थे। उनको लगा था कि बच्चे को बड़ा कर वे उससे काम कराएंगे।
पुलिस ने सफर में बच्चे को पिलाया दूध
पुलिस ने कड़ी मेहनत से अपहृत बच्चे को बरामद कर उसकी मां से मिला दिया था। सफर के दौरान पुलिस कर्मियों ने ही बच्चे को जगह-जगह दूध पिलाकर उसके माता-पिता का पालन पोषण किया।
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