पत्नी से अवैध संबंध के शक में की थी हत्या… अंधे कत्ल का ऐसे हुआ पर्दाफाश… पुलिस को जंगल में बोरे में बंद मिली थी लाश

शमशाबाद: 8 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली कि काछीखेड़ा व डंगरबाड़ा के बीच जंगल के किनारे सफेद प्लास्टिक की बोरी में एक अज्ञात लाश मिली है जिसके सिर व दोनों पैर बोरी से बाहर निकले पड़े हैं पुलिस ने मौके पर फारेंसिक टीम को बुलाकर जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि मृतक के सिर पर गहरी चोट व शरीर में जगह जगह चोटे हैं जो किसी अज्ञात आरोपी द्वारा हत्या करने के उद्देश्य से पहुंचाई गई और साक्ष्य छुपाने की नियत से मृतक के शव को जंगल में फेंक दिया। उक्त घटना पर थाना शमशाबाद में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

मामले में पुलिस अधीक्षक दीपक शुक्ला के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ प्रशांत चौबे के निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी अजय मिश्रा के मार्ग दर्शन में एक टीम गठित की गई। जिसने लगातार मृतक की पहचान और एक अज्ञात आरोपी की तलाश में आसपास के गांव, सभी थाना क्षेत्र में पैंपलेट चस्पा किए गए। डंगरबाडा में अज्ञात मृतक के संबंध में 10 जुलाई को बताया गया कि मनमोहन शर्मा पिता कोमल प्रसाद शर्मा 6 जुलाई से गांव से लापता है और उसी रात 11 बजे मनमोहन शर्मा व गुड्डू कोरी के बीच झगड़ा हुआ था। इसी सूचना के आधार पर मृतक के पुत्र पंकज शर्मा को थाने में बुलाकर मृतक के फोटोग्राफ, अंगूठी कपड़े दिखाए गए जिसके आधार पर मृतक को अपने पिता मनमोहन शर्मा के रूप में पहचान की गई। इसके बाद शक के आधार पर गुड्डू कोरी, गीता कोरी, मोनू कोरी, ब्रजेश यादव को लाकर कर पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर बताया कि गुड्डू कोरी को अपनी पत्नी और मृतक के बीच अवैध संबंध की शंका थी।

इसी शंका के आधार पर 6 जुलाई को रात में मनमोहन शर्मा को शराब पिला कर उसकी हत्या कर दी तथा एक दिन उसके शव को अपने घर में भूसा के ढेर में दबाकर रखा दूसरे दिन 7 जुलाई रविवार को रात 2/3 बजे मनमोहन शर्मा के शव को आरोपी गुड्डू कोरी, ब्रजेश यादव मोटर साइकिल से जंगल में साक्ष्य छुपाने की दृष्टि से फेंक दिया। आरोपियों से घटना में प्रयुक्त वाहन लाल रंग की मोटर साइकिल, हथियार, चाकू, डंडा, मृतक मनमोहन के कपड़े मोबाइल जप्त किए गए, चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश कर जेल भेजा गया।

मामले की जांच के लिए बनाई टीम में थाना प्रभारी जसवंत सिंह मीणा, उप निरीक्षक प्रकाश भिलाला, ए एस आई प्रेम नारायण शर्मा, राजू रघुवंशी, प्रधान आरक्षक महेश पाठक, भगवान सिंह, आरक्षक गजराज दुबे, अजीत सिंह, राहुल मालवीय, प्रवेश जाट, मनीष सेन, प्रियंका शर्मा, शिवानी मिश्रा रहे।

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