8 महीने की कड़ी ट्रेनिंग, 1-2 नहीं 46 लोगों को उतारा मौत के घाट, ऐसे बना Kill का ये खूंखार कैरेक्टर

पिछले साल जब ‘एनिमल’ रिलीज हुई तो इसे खूब पसंद किया गया. वहीं कुछ लोगों ने फिल्म की आलोचना भी की. फिल्म में खूब खून खराबा देखने को मिला था. लेकिन अब 5 जुलाई को रिलीज हुई फिल्म ‘किल’ को देखकर लोग कह रहे हैं कि ‘एनिमल’ में तो कुछ भी नहीं था. असली हिंसा तो इस फिल्म में है. फिल्म में लक्ष्य लालवानी ने एक-दो नहीं धड़ाधड़ कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया. अब उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पर बात की और बताया कि उन्होंने 8 महीने कड़ी मेहनत की.

अपने कैरेक्टर को लेकर बात करते हुए लक्ष्य ने कहा, “हम मानेसर के एनएसजी कैंप में गए थे. हमने वहां जाकर इस बारे में बहुत स्टडी की. एक कमांडो कैसे चलता है, कैसे बात करता है. मेरा मतलब है, ये लोग बीस्ट हैं, जिस तरह से वो सोचते हैं. अपने दुश्मनों के लिए ऐसा है, जो न तो सुना था और न ही देखा था. मैंने इसे फिल्मों में देखा था, लेकिन असल जिंदगी में, वो असली हीरो हैं. मैंने वहां पहुंचने की बहुत कोशिश की जहां वो हैं, ट्रेनिंग शुरू हुई और पूरे आठ महीने तक चली, दिन-रात हमने मेहनत की. कोई धोखा देने वाला दिन नहीं था.”

46 से ज्यादा हत्याएं

इसके साथ ही उन्होंने शूट किए गए एक्शन सीन के बारे में बात करते हुए कहा, “हम सिर्फ़ तैयारी करते थे और फाइटिंग सीखते थे, कोरियोग्राफी सीखते थे. मिस्टर से-योंग ओह एक्शन कोरियोग्राफर थे. उन्होंने हमारे लिए चीज़ों को बहुत आसान बना दिया. फिल्म में 46 से ज्यादा हत्याएं होती हैं, तो आप सोच सकते हैं कि इसमें कितनी मेहनत लगी होगी. हर हत्या अलग है. हर हत्या अनोखी है.”

40 से ज़्यादा लोगों की एक गैंग

उन्होंने आगे कहा, “इन लोगों के पास 40 से ज़्यादा लोगों की एक गैंग है और सभी 40 लोगों को एक अलग तरीके से मारा जाता है, हर बार एक नए हथियार से, हर छोटी-छोटी बात पर बारीकी से ध्यान दिया जाता था, जिस महिला ने हमारा प्रोस्थेटिक्स किया, ज़ूबी जोहल ने इस सब के बारे में बहुत बारीकी से जानकारी दी.”

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