उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी बीच प्रदेश के बाराबंकी जिले में प्रदर्शनकारी शिक्षकों के खिलाफ सख्ती शुरू हो गई है. तीन दिन उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले शिक्षकों के वेतन रोकने का निर्देश बीएसए ने जारी किए हैं. इधर, ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन जिले में जारी है.
जिले में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शन के दौरान महिला शिक्षकों ने व्हाट्सएप पर काली डीपी लगाकर विरोध जताया है. इसके अलावा स्कूलों, ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर शिक्षक संघ और शिक्षक लगातार काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं. जिसके चलते एक भी शिक्षक ने ऑनलाइन उपस्थिति भी दर्ज नहीं कराई है.
ऑनलाइन उपस्थिति दे पाना असंभव-टीचर्स
प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों का कहना है कि बिना हमारी समस्याओं का समाधान किए ऑनलाइन उपस्थिति दे पाना संभव ही नहीं है. शिक्षकों की प्रमुख मांगों में 15 दिन की हाफ सीएल, 31 दिन का ईएल, कैशलेश इलाज, राज्य कर्मचारी का दर्जा, फल-दूध खरीदने से मुक्ति, नेटवर्क की समस्या दूर हो, पुरानी पेंशन और स्कूलों के रास्ते सही करना शामिल है. शिक्षकों ने विरोध जताते हुए कहा कि समस्याओं का निराकरण किए बिना डिजिटलीकरण के आदेश का हम पूरी तरह से बहिष्कार करते हैं.
बीएसए हुए सख्त, कार्रवाई की तैयारी
इस बीच बाराबंकी बीएसए संतोष देव पाण्डेय ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि 8 जुलाई से 10 जुलाई तक अपनी डिजिटल उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है, उनका वेतन अग्रिम आदेशों तक अवरुद्ध किया गया है. साथ ही सभी को निर्देशित किया गया है कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाए. इसके बाद भी अगर शिक्षकों द्वारा अपनी डिजिटल उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जाएगी तो उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित की होगी.
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