पहले ये विभाग तेजस्वी यादव के पास था- बिहार में गिरते पूल पर बोले नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी

बिहार में लगातार गिर रहे पूल को लेकर राज्य सरकार अलर्ट हो गई है. प्रदेश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राज्य के सभी पुलों के मेंटेनेंस की पॉलिसी लाने की बात चल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में अलग-अलग विभाग के जितने भी पूल हैं, उन सभी पुलों को लेकर मेंटेनेंस पॉलिसी लाई जाए. साथ ही गिरते पूल को लेकर राज्य में राजनीति तेज हो गई है. तेजस्वी पर हमला करते हुए उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये विभाग पहले राष्ट्रीय जनता दल के पास (महागठबंधन के दौर में) थी.

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, “राज्य के नए और पुराने पूलों की स्थिति क्या है, उनकी मेंटेनेंस की स्थिति क्या है, इन सभी मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है. साथ ही मुख्यमंत्री सेतु योजना जिसे 2016 में बंद कर दी गई थी, उसे एक बार फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है.”

ठेकेदारों पर FIR दर्ज करेंगेः चौधरी

पूल गिरने की घटनाओं पर सख्ती बरतने का जिक्र करते हुए बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, “कई जगहों पर नदी का रूट बदल गया जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं हुई है. कई जगहों पर सेंटरिंग गिरने की वजह से भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं.” उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार काम कर रहे थे उस पर सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर FIR दर्ज किया जाएगा. हालांकि ठेकेदार पर FIR को लेकर प्रोविजन नहीं है, लेकिन अगर इस तरह की घटना होती है तो सरकारी धन के दुरुपयोग का निश्चित रूप से हम FIR करेंगे.

तेजस्वी पर हमला करते हुए बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि ये विभाग राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास था और तेजस्वी यादव इसके मंत्री हुआ करते थे. जबसे जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पास यह विभाग आया उसके बाद लोकसभा चुनाव हुआ और अभी 20 दिन का समय मिला है ऐसे में आप बताएं कि कौन इसके लिए जिम्मेदार कौन है. इसकी जिम्मेदारी 20 दिन वाले पार्टी की है या फिर डेढ़ साल से जिसके पास यह विभाग था.

तेजस्वी यादव कर रहे हमला

राज्य में लगातार गिरते पूल को लेकर विपक्ष भी सत्ता पक्ष पर लगातार हमला कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट पर सरकार पर हमला किया कि राज्य में 18 जून से लेकर 12 पुल तबाह हो चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार इन उपलब्धियों पर लगातार खामोश और निरुत्तर हैं. वे बस यह सोच रहे हैं कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगलराज में कैसे परिवर्तित करें?

इस बीच बिहार में लगातार गिरते और ढहते पूल को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है जिसमें कोर्ट से बिहार के सभी कमजोर पुलों और निर्माणाधीन पुलों का उच्च स्तरीय संरचनात्मक ऑडिट कराए जाने और कमजोर पूलों को ध्वस्त करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है.

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