बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. एक बार फिर सारण जिले में पुल हादसा हुआ है. इस बार जिले के लहलादपुर प्रखंड के ढोढ़ स्थान मंदिर के पास गंडक नदी पर बना पुल भरभराकर गिर गया. लगातार बारिश की वजह से इस पुल का पाया धंसने लगा. इसके बाद देखते ही देखते पुल का एक हिस्सा नदी में समा गया. यह पुल करीब 20 साल पहले साल 2004 में तत्कालीन निर्दलीय विधायक मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह ने बनवाया था.
इससे पहले सीवान जिले में एक के बाद एक तीन पुल गिर चुके हैं. अब चौथा पुल सारण जिले में गिरने के बाद लोग सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश तो अन्य राज्यों में भी हो रही है, लेकिन पुलिस केवल बिहार में ही गिर रहे हैं. हादसे के बाद आवागमन बाधित स्थानीय लोगों के मुताबिक गंडक नदी पर बने इस पुल के गिरने की वजह से दो दर्जन से अधिक गांवों की आपस में कनेक्टिविटी खत्म हो गई है.
दो दर्जन गांवों की कट गई कनेक्टिविटी
यहीं नहीं, इन गांवों में रहने वाले लोगों का रोजमर्रा के काम से गांव से बाहर आवागमन भी बाधित हो गया है. इसमें खासतौर पर भगवानपुर हाट प्रखंड के अलावा लहलादपुर प्रखंड के दो पंचायत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामने बड़ी मुश्किल पैदा हो गई है.यह मुश्किल इसलिए भी बड़ी हो जा रही कि 20 दिनों बाद ही यहां श्रावणी मेला लगने वाला है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अब इस पुल के ना होने की वजह से मंदिर में जलाभिषेक की इच्छा रखने वालों को कम से कम छह किमी दूर से घूमकर आना होगा.
20 साल पहले बना था पुल
लोगों ने बताया कि इस पुलिस की मांग लंबे समय से चल रही थी. इसी मांग को देखते हुए 20 साल पहले तत्कालीन विधायक धूमल सिंह ने अपने निजी कोष से इस पुल का निर्माण कराया था. चूंकि इन 20 सालों में इस पुल का एक बार भी मरम्मत नहीं कराया गया, ऐसे में धीरे धीरे यह जर्जर होता चला गया और आज इस पुल के साथ इतना बड़ा हादसा हो गया.
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