वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट इसी महीने के आखिर तक पेश किया जा सकता है, क्योंकि चुनाव के चलते सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था. इससे ठीक पहले एक स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. स्टडी बताती है कि यदि आप बजट के दिन मुनाफा कमाने के उद्देश्य से उससे एक दिन पहले शेयर बाजार में निवेश करते हो, तो आपको हमेशा नेगेटिव रिटर्न मिलता है.
कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेस ने इस मामले में एक स्टडी की है. इसमें साल 2000 के बाद से अब तक बजट पेश होने वाले दिन मार्केट की चाल का अध्ययन किया गया है. इसी के आधार पर नेगेटिव रिटर्न की बात निकलकर सामने आई है.
बजट घोषणाओं का बाजार पर असर
कैपिटलमाइंड ने देश की करीब 500 टॉप कंपनियों के शेयर में बजट के दिन के रिटर्न को देखा. इन सभी कंपनियों के शेयर्स ने साल 2000 से 2024 के बीच बजट वाले दिन 0.1 प्रतिशत का नुकसान दिया है. कैपिटलमाइंड एक सेबी रजिस्टर्ड पोर्टफोलियो मैनेजर है.
स्टडी में एक और बात सामने आई है कि बजट घोषणाओं का शेयर बाजार पर बिलकुल ना के बराबर असर पड़ता है. इसलिए बजट स्टॉक मार्केट की परफॉर्मेंस का अच्छा इंडिकेटर नहीं है.
बजट घोषणाओं के आधार पर निवेश का फैसला
स्टडी में कहा गया है कि लॉन्ग टर्म के लिए शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को बजट की घोषणाओं या उम्मीदों के आधार पर निवेश का फैसला नहीं करना चाहिए. आम तौर केंद्रीय बजट मार्केट के एनुअल रिटर्न के बारे में एक खराब प्रिडक्शन देते हैं.
कैपिटलमाइंड के इंवेस्टमेंट और रिसर्च हेड अनूप विजयकुमार के हवाले से मिंट ने भी अपनी एक खबर में लिखा है कि अगर किसी को शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट करना है, तो वह किसी भी सूरत में फंडामेंटल पर आधारित होना चाहिए. ना कि बजट पर बेस्ड एक्सपेक्टेशंस पर.
उनका कहना है कि लॉन्ग टर्म इंवेस्टर्स को बजट की घोषणाओं के आधार पर इक्विटी एलोकेशन में ज्यादा पैसा नहीं फंसाना चाहिए. बल्कि अपनी खुद की निवेश योजनाओं के हिसाब से निवेश करना चाहिए.
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