नई दिल्ली से वाराणसी के लिए चली नए जमाने की ट्रेन वंदे भारत पहली बारिश को भी नहीं झेल पायी. सोमवार की रात यह ट्रेन प्रयागराज पहुंचने ही वाली थी कि बारिश शुरू हो गई. यात्री गाड़ी के अंदर से बारिश का नाजारा देख ही रहे थे कि कोच संख्या सी-6 की छत से फव्वारा छूट पड़ा. हालात ऐसे बन गए कि काफी कोशिशों के बावजूद इस कोच में बैठे यात्री भींग गए. उनका सामान भी भींग कर खराब हो गया. ऐसी स्थिति में यात्रियों ने प्रयागराज से वाराणसी तक का सफर खड़े होकर पूरा किया.
इस संबंध में कई यात्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए सवाल उठाया है. यात्रियों ने यह वीडियो रेल मंत्री, डीआरएम समेत अन्य अधिकारियों को भी टैग किया है. यही नहीं, प्रयागराज में करीब दर्जन भर यात्रियों ने प्रयागराज के स्टेशन अधीक्षक के दफ्तर में जाकर घटना पर आपत्ति भी जताई. उधर, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने मामले की जांच शुरू कर दी है. यात्रियों ने बताया कि यह ट्रेन अपने नियत समय से प्रयागराज पहुंची थी.
कानपुर से आगे बढ़ते ही शुरू हो गई बारिश
बताया कि रात में करीब साढ़े नौ बजे ट्रेन कानपुर से अभी कुछ दूर ही आगे बढ़ी थी कि बारिश शुरू हो गई थी. यात्री ट्रेन के अंदर से बारिश का नजारा देखने लगे. इतने में ही गाड़ी की छत पर बने ब्लाक से पानी का रिसाव शुरू हो गया. देखते ही देखते बॉथरूम के झरने की तरह पानी गिरने लगा. ऐसे में यात्रियों ने सीट से खड़े होकर पानी से बचाव की कोशिश की. इसके बाद अपना सामान भींगने से बचाने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तेज बारिश की वजह से गाड़ी के अंदर भी तेजी से पानी आने लगा.
आए दिन आती रहती हैं इस ट्रेन की शिकायतें
ऐसे हालात में यात्रियों ने बड़ी मुश्किल से वाराणसी तक का सफर किया. यात्रियों ने बताया कि प्रयागराज में उन लोगों ने स्टेशन अधीक्षक से इस संबंध में शिकायत भी की थी, लेकिन उन्होंने कोई इंतजाम किए बिना ही ट्रेन को वाराणसी के लिए रवाना कर दिया. बता दें कि इस ट्रेन का शुभारंभ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 18 दिसंबर को वर्चुअल तरीके से हरी झंडी दिखाकर किया था. इससे पहले भी इस ट्रेन को लेकर शिकायतें आई हैं. कभी एसी में कूलिंग कम होने तो कभी खान पान की गुणवत्ता खराब होने की शिकायतें आती रहती हैं.
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