इंदिरा गांधी ने हमें जेल में डाला, पर कभी ‘देशद्रोही’ नहीं कहा… इमरजेंसी पर जानें क्या बोल गए लालू यादव

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में जून 1975 में आपातकाल लगाने का ऐलान किया था. आपातकाल के खिलाफ बिहार में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जमकर आंदोलन हुए थे और उस आंदोलन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद शामिल हुए थे और वह आंदोलन के संचालन समिति के संयोजक थे. आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद ने आपातकाल का विरोध किया था और जेल भी गए थे. आंदोलन के बाद लालू प्रसाद यादवबिहार की सियासत में प्रमुख चेहरे के रूप में उभरे थे. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टी के नेताओं को जेल में रखा था, लेकिन कभी भी द्रेशद्रोही या राष्ट्र विरोधी नहीं कहा था.

आपातकाल लागू करने की 50वीं वार्षिकी ने 18वीं लोकसभा के विशेष सत्र में मोदी सरकार ने निंदा प्रस्ताव लाया और इसे लेकर कांग्रेस पर हमला बोला. तब से फिर से आपातकाल को लेकर बहस तेज हो गई है. उस बहस के बीच लालू प्रसाद ने शनिवार को 1975-77 के आपातकाल के दिनों को लेकर अपनी राय रखी है.

लालू प्रसाद यादव ने सोशल साइट्स एक्स पर पत्रकार नलिन वर्मा के साथ लिखे लेख को शेयर किया है. उसमें कहा है कि भले ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कई नेताओं को जेल में बंद कर दिया था, लेकिन कभी भी पूर्व प्रधानमंत्री ने उन लोगों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया था.

15 महीने तक जेल में रहे थे लालू

 

उन्होंने लिखा कि जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आपातकाल के खिलाफ हो रहे आंदोलन के लिए गठित संचालन समिति के संयोजक रहे थे और वह 15 महीने से अधिक समय मीसा के तहत जेल में बंद कर दिए गये थे.

लालू यादव ने कहा कि उनके सहयोगी और वह भाजपा के कई मंत्रियों को बारे में उस समय जानते भी नहीं थे, जो आज आपातकाल के बारे में बोल रहे हैं. जो वर्तमान में स्वतंत्रता पर व्याख्यान दे रहे हैं. उनलोगों ने मोदी, जे पी नड्डा और प्रधानमंत्री के कुछ अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के बारे में भी नहीं सुना था.

कभी हमें देशद्रोही नहीं कहा: लालू

बिहार के पूर्व सीएम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन लोगों सहित कई विपक्षी पार्टी के नेताओं को जेल में बंद कर दिया था, लेकिन कभी गलत व्यवहार नहीं किया था. पूर्व प्रधानमंत्री ने कभी भी उन लोगों को देशद्रोही या राष्ट्र विद्रोही नहीं कहा था.

उन्होंने कभी भी हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर की स्मृति को अपवित्र करने की अनुमति नहीं दी थी. उन्होंने लिखा कि 1975 हमारे लोकतंत्र पर एक दाग है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2024 में विपक्ष का सम्मान कौन नहीं करता है.

25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 21 महीने का आपातकाल लगाया था. इसे 21 मार्च 1977 को हटा लिया गया था. लेकिन चुनाव में पराजित हुईं और देश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी. इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी दोनों ही क्रमशः रायबरेली और अमेठी से चुनाव हार गए.

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