लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता उमा भारती ने शनिवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दोष नहीं दिया जाना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद भी बीजेपी ने यूपी में खराब प्रदर्शन किया था.
बता दें कि बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से केवल 33 सीटें जीतीं. वहीं उमा भारती ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी को दोषी ठहराना सही नहीं है.
राम मंदिर को अपने एजेंडे से नहीं हटाया
उमा भारती ने तर्क दिया कि छह दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा ढहाए जाने के बाद भी बीजेपी चुनाव हार गई थी. लेकिन इसके बावजूद हमने अयोध्या में राम मंदिर को अपने एजेंडे से नहीं हटाया. हमने अयोध्या को कभी वोट से नहीं जोड़ा. इसी तरह अब हम मथुरा-काशी (धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद) को भी वोट से नहीं जोड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय की प्रकृति को समझने की जरूरत है जो सामाजिक व्यवस्था को धर्म से नहीं जोड़ता. उमा भारती ने दावा किया कि यह इस्लामिक समाज है जो सामाजिक और धार्मिक व्यवस्था को जोड़कर काम करता है. इसलिए वे सामाजिक व्यवस्था के अनुसार वोट करते हैं.
हमें अहंकार नहीं करना चाहिए
उमा भारती ने कहा कि यूपी में बीजेपी के खराब नतीजों का मतलब यह नहीं है कि लोगों की भगवान राम के प्रति भक्ति कम हो गई है. उन्होंने कहा कि हमें यह अहंकार नहीं करना चाहिए कि हर राम भक्त बीजेपी को वोट देगा. हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि जो हमें वोट नहीं देता, वह राम भक्त नहीं है. इस बार के चुनाव परिणाम किसी लापरवाही का नतीजा हैं और कुछ नहीं.
गठबंधन सरकार चलाना मुश्किल नहीं
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ केंद्र में गठबंधन सरकार चलाना मुश्किल नहीं होगा, क्योंकि अतीत में बीजेपी ने उनके साथ सहयोगी के रूप में सफलतापूर्वक सरकारें चलाई हैं. इससे पहले दिन में उमा भारती ने ग्वालियर से भोपाल जाते समय शिवपुरी में स्थानीय बीजेपी नेताओं से मुलाकात की.
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