सिवनी, मुरैना, मंडला के बाद जबलपुर में मिले 50 से ज्यादा गौ वंश के कंकाल, पुलिस को मिली उग्र आंदोलन की चेतावनी

सिवनी, मुरैना और मंडला के बाद मध्य प्रदेश के जबलपुर से भी गौवंश के कंकाल मिले हैं. कंकालों का ढेर दिखने के बाद पूरा गांव हैरान है. जबलपुर में पहाड़ी पर 50 से अधिक गौ वंश के सिर और हड्डियां मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. हिंदूवादी संगठन के लोगों ने पुलिस से जल्द से जल्द मामले की जांच कर आरोपियों को हिरासत में लेने की मांग की है. बजरंग दल और हिंदू सेवा के लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इन्होंने पुलिस को 24 घंटे के अंदर आरोपियों न पकड़ने पर जबलपुर बंद करने और उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. साथ ही कहा है कि इस आंदोलन की जिम्मेदारी भी पुलिस प्रशासन की होगी. पुलिस ने गौ वंश के हड्डियों को बरामद करके फॉरेंसिक जांच के लिए भेजकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.

यह घटना जबलपुर जिले के मुख्यालय से 45 कि.मी दूर कटंगी थाना से लगी पहाड़ी की है. पहाड़ी पर स्थानीय लोगों को जानवरों की हड्डियां दिखाई दीं. सूचना पर हिंदूवादी संगठन और बजरंग दल के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और वहां का वीडियो बनाकर जारी कर दिया. इस वीडियो में गायों और भैंसों के अंग पहाड़ी पर बिखरे नजर आए. यहां 50 से ज्यादा मवेशियों की हड्डियां पहाड़ी पर फैली हुई थीं. मौके पर पहुंचे प्रशासन के लोगों के होश उड़ गए. एक जगह इतने गौवंश के कंकाल मिलने की खबर से लोगों में बेहद गुस्सा है. माहौल को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस की तैनाती कर दी गई है. आला अधिकारियों ने भी नजर बनाई हुई है.

जांच में जुटी पुलिस

सबूत के तौर पर हिंदू संगठन के लोगों ने सभी हड्डियों को इकट्ठा करके पुलिस प्रशासन को सूचित किया. स्थानीय लोगों के मुताबिक पहाड़ी पर मवेशियों की तस्करी करने वालों ने गौ वंश की हत्या कर उनकी खाल और मांस लेकर चले गए और हड्डियां वहीं छोड़ दी. सूचना पर पुलिस प्रशासन, नगर परिषद और वैटनरी डॉक्टरों की टीम ने पहाड़ी पर पहुंचकर हड्डियों को जप्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

क्या बोले पुलिस अधीक्षक?

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि यह हड्डियां महीनों पुरानी लग रही हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कार्रवाई हो सकेगी.

क्या बोले बजरंग दल के कार्यकर्ता?

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन को इस पूरे मामले पर ठोस कदम उठाना होगा. अगर जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई नहीं हुई, तो जबलपुर बंद का आवाहन करते हुए उग्र आंदोलन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

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