सरकार को आगाह कर रहे हैं कि गौवंश हत्याकांड को गंभीरता से ले सरकार- शंकराचार्य

सिवनी गौवंश हत्याकांड पर शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने बयान जारी किया
“लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूरी 29 सीटें मिलीं, सरकार और हिंदू मतदाता को चिढ़ाने के लिए तो ऐसा नहीं किया गया।
“जिस तरह हिंदू और मुसलमान का विभाजन करके चुनाव हो रहे हैं, उसका परिणाम दिखना शुरू हो गया है।”
“कलेक्टर-एसपी को हटाना समाधान नहीं, आरोपियों को कड़ी सज़ा मिले, राष्ट्रद्रोह का मुक़दमा चले”
“न्याय होने के साथ होता हुआ दिखना चाहिए, अगर हिंदू समाज बाग़ी हुआ तो ख़ामियाज़ा सरकार को भुगतना पड़ेगा”
“सरकार को आगाह कर रहे हैं कि इस मामले को गंभीरता से लें”
राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी,  विगत दिनों सिवनी में हुई सामूहिक गोहत्या का प्रकरण हमारे सामने आया इस प्रकरण ने बहुत हार्दिक आघात दिया। समस्त हिन्दू समाज इससे दुखी हुआ। इस तरह सामूहिक हत्या किसी भी जीव की होती वह अनुचित थी। यहाँ गाय पर आघात करने का कारण क्या था ? यह विचारणीय है। जैसा कि जाँच कमेटी का कहना है एक वर्गविशेष के द्वारा गाय खरीद कर सामूहिक हत्या कर जगह- जगह अपमानित करते हुए उन्हें फेंका गया तो यह कार्य गोमाँस खाने के लिए नहीं किया गया बल्कि इसके पीछे कुछ और ही बात है। इस पर अब मात्र गहन विचार ही नहीं अपितु कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। हमारे सद्‌गुरुदेव द्विपीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शङ्कराचार्य जी महाराज की जन्मस्थली सिवनी जनपद है। उनके दिव्य प्रभाव का ही असर है कि सिवनी की जनता ने गोहत्यारों के विरुद्ध जो एकजुटता दिखाई वह सर्वत्र अनुकरणीय है।
विगत लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश ने भाजपा के पक्ष में पूरी उन्तीस सीटें देकर जो आश्चर्यजनक कार्य किया है कहीं उसका ही यह कारण तो नहीं कि अब सरकार और हिन्दू मतदाता को चिढाने के लिए यह कार्य किया गया है? जिस तरह अब हिन्दू, मुसलमान का विभाजन करके चुनाव हो रहे हैं उसके गम्भीर परिणाम का प्रारम्भ होता इस प्रकरण में दीख रहा है। हिन्दू मानबिन्दुओं की रक्षा का दायित्व अब प्रदेश सरकारों और केन्द्रीय सरकार को लेना ही होगा क्योंकि हिन्दू वोट शत-प्रतिशत आपको मिला है। इस प्रकरण को करने वाले तो पकड लिए गए हैं किन्तु इतने मात्र से इतिकर्तव्यता नहीं हो जाती। इसके पीछे किसकी मानसिकता है? किसने यह जघन्य कार्य करने प्रेरित किया यह जानना आवश्यक है। अभी सरकार ने सिवनी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाया है किन्तु यह समस्या का समाधान नहीं । जब तक आरोपियों को कठोर सजा नहीं दी जाएगी यह बात हिन्दुओं को कष्ट देती रहेगी। न्यायवेत्ता अभियुक्त की मानसिकता और उद्देश्य समझ कर सजा तय करते हैं। यहाँ अभियुक्तों की मानसिकता (१) गायों की जघन्य सामूहिक हत्या कर देश में दंगा कराने की है (२) केन्द्रीय भाजपा सरकार को शत प्रतिशत सीट देने पर मध्यप्रदेश को सबक सिखाने की है। इस पर राष्ट्रद्रोह की धारा के अन्तर्गत अभियुक्तों की सजा तय होनी चाहिए। सजा के पात्र कलेक्टर या पुलिस अधीक्षक नहीं गोहत्या करने वाले लोग हैं। इस प्रकरण का पूर्ण पटाक्षेप तभी होगा जबकि अभियुक्तों पर सामूहिक हत्या के लिए कठोर दण्ड सुनिश्चित होगा ।
चूंकि उच्चस्तरीय जाँच एजेंसियों को लगाया गया है किन्तु इनका कार्य मात्र आरोपियों को पकडना नहीं अपितु इस प्रकरण के पीछे जो साजिशकर्ता हैं उनका भी पर्दाफाश करना होना चाहिए। बतौर हिन्दू समाज के धर्माचार्य होते हुए इस प्रकरण पर बेबाक बोलने से हमें कोई नहीं रोक सकता । अब न्याय करना और न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए वरना हिन्दू अगर बागी हुआ तो सरकार को ही खामियाजा भुगतना होगा। इसका हमलोगों ने समाधान दिया है कि गाय को “राष्ट्रमाता” का दर्जा दिया जाय। संविधान और कानून बन जाने से न केवल भाजपा अपितु सभी राजनैतिक दलों की भी जबाबदेही बन सकेगी। अब सरकार को यह चुनौती स्वीकार करनी ही होगी वरना सरकारें आगे भी मध्यप्रदेश और देश में होने वाली दुर्घटनाओं के लिए तैयार रहे।
समाचार पत्रों और विभिन्न संचार साधनों से यह प्रकरण देशव्यापी हो चुका है। इस पर उचित निर्णय सरकार के लिए लाभप्रद एवं इसकी अनदेखी करना अहितकर होगा। अगर इस तरह की पुनरावृत्ति होती है तो शीतयुद्ध जैसा वातावरण बनने लगेगा इसलिए इसे गंभीरता से लेते हुए इस तरह का कार्य हो कि कोई दुबारा ऐसा करने की सोच भी न सके। सनातन वैदिक मान्यता है गाय चलता फिरता देवता है। घर-घर में भले गाय न हो पर गाय के प्रति श्रद्धा सभी के मन में है। इसलिए हम बार बार आगाह कर रहे हैं कि इस प्रकरण को गम्भीरता से लिया जाय ।
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