NEET पेपर लीक कांड मामले में गिरफ्तार चिंटू कुमार ने पूछताछ के दौरान बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के सामने कई अहम खुलासे किए हैं. उसने नीट सेटिंग में शामिल कुछ लोगों के नाम उगले हैं. चिंटू ने बताया कि पटना के खेमनी चक स्थित लर्ड एंड प्ले स्कूल में करीब 35 छात्रों को प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाने के लिए यहीं वाई फाई प्रिंटर के जरिए 10-12 कॉपियां प्रिंट की गई थीं. रॉकी के माध्यम से सबसे पहले बायोलॉजी का प्रश्न-पत्र एवं उत्तर आया था. इसके बाद फिजिक्स और अंत में केमेस्ट्री का आया.
इस मामले के मुख्य मास्टर माइंड अतुल वत्स, अंशुल सिंह समेत अन्य के सीधे संपर्क में रॉकी ही रही है. उसकी जिम्मेदारी चिंटू के माध्यम से बिहार में प्रश्न पत्र सप्लाई कराने की थी. रॉकी वर्तमान में रांची में चुटिया थाना क्षेत्र के कडरू रोड में एक रेस्टोरेंट चलाता है. वह नवादा जिले का रहने वाला बताया जा रहा है. EOU ने रॉकी की तलाश में झारखंड के रांची हजारीबाग समेत कुछ अन्य स्थानों पर बीती रात भी छापेमारी की.
आरोपी ने सिम तोड़कर फेंके
चिंटू ने संजीव मुखिया गैंग के कुछ लोगों को भी नीट का प्रश्न पत्र दिया था ताकि सेटिंग कराकर ये लोग भी पैसे कमा सकें. इनके कुछ छात्र भी झारखंड के हजारीबाग में परीक्षा दे रहे थे. नीट में सेटिंग के पूरे षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए चिंटू ने 5 मोबाइल फोन और अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदे थे. सिर्फ इन्हीं नंबरों से ही वह अपने क्लाइंट नीतीश कुमार और अमित आनंद के अलावा अन्य से बात कर रहा था. मगर, जब सिकंदर और बाकी पकड़े गए तो सिम तोड़कर NIT घाट पर फेंक दिया था.
सीबीआई ने FIR दर्ज कर जांच की शुरू
इधर, सीबीआई ने नीट-यूजी मामले में जांच अपने हाथ में ले ली है और धारा 20-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत FIR दर्ज कर ली है. बिहार और गुजरात सरकारों ने भी रविवार को अधिसूचना जारी कर नीट-यूजी पेपर लीक के अपने पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को सीबीआई को सौंप दिया है. पटना पुलिस ने बीते दिन झारखंड के देवघर से हिरासत में लिए गए पांच लोगों को गिरफ्तार किया. सभी आरोपी नालंदा के रहने वाले हैं. उनके नाम बलदेव कुमार उर्फ चिंटू, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह है.
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