शुक्रवार की शाम जोधपुर के सूरसागर थाना इलाके में जमीनी विवाद को लेकर सांप्रदायिक तनाव फैल गया. इस दौरान जमकर हिंसा हुई. दोनों ओर से एक-दूसरे पर पत्थर बाजी की गई. हिंसक भीड़ ने एक दुकान और एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. हिंसा पर काबू करने पहुंची पुलिस टीम पर भी पथराव किया गया. पुलिस ने लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ स्थिति को कंट्रोल किया. हिंसक झड़प में एक महिला घायल हुई, उसकी आंख में चोट आई है. एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है. पुलिस ने अब तक इस मामले में 42 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रही है. विवाद एक जमीन को लेकर शुरू हुआ जिसने साम्प्रदायिक तनाव का रूप धर लिया. दरअसल सूरसागर इलाके में ईदगाह के पास खाली पड़ी विवादित जमीन है. 15 साल पहले दोनों समुदाय के बीच समझौता हुआ था कि इस जमीन पर किसी भी तरह का किसी के द्वारा कोई निर्माण नहीं किया जाएगा और न किसी का दरवाजा इस ओर खुलेगा. आरोप है कि एक पक्ष ने ईदगाह की दीवार तोड़कर विवादित जमीन की ओर दरवाजा निकाल लिया. दूसरे पक्ष ने इस बात का विरोध किया.
समझौते के बाद हो गई हिंसा
मामला पुलिस तक पहुंचा. दोनों पक्ष थाने में पुलिस के सामने भी उत्तेजित होते रहे. काफी मशक्कतों के बाद पुलिस दोनों पक्षों को समझाने में कामयाब हुई. मामला सुलझता दिख पुलिस बेखबर हो गई. अचानक शुक्रवार की शाम दोनों पक्ष हिंसक हो उठे. दोनों ओर से जमकर पत्थरबाजी हुई. बलवाइयों ने एक दुकान और ट्रैक्टर में आग लगा दी. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल में लेने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल पर भी भारी पथराव किया गया. हिंसा रोकने के लिए पहले पुलिस ने लाठी चार्ज किया, लेकिन फिर भी उपद्रवी नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और मौके पर स्थिति को काबू में लिया.
पुलिसकर्मी और महिला हुई घायल
पथराव की घटना में एक थाना अधिकारी घायल हो गए. उनके चेहरे पर पत्थर लगने से वह चोटिल हो गए. घटना में लाजवंती नाम की महिला के आंख में गंभीर चोट आई है. उनके परिजनों ने बताया कि वह अपने घर में बैठी थी. इस दौरान उसे पता चला कि उसका पोता घर से बाहर खेल रहा है. शोर शराबा सुनकर वह अपने पोते को लेने के लिए बाहर दौड़ी. जैसे ही उसने पोते को गोद में उठाया इतने में एक पत्थर जाकर उसकी आंख पर लगा. परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टर ने बताया कि उसकी आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गई.
5 थाना इलाकों में लगाई धारा 144
सूरसागर में हुई हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है. सांप्रदायिक तनाव शहर के दूसरे क्षेत्रों में नहीं पहुंचे इसको लेकर एहतियात तौर पर पांच थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगाई है. सूरसागर के अलावा प्रताप नगर थाना क्षेत्र, प्रताप नगर सदर थाना, देव नगर थाना और राजीव गांधी थाना क्षेत्र में आईपीसी की धारा 144 के अंतर्गत निषेधआज्ञा लागू कर दी गई है.
42 उपद्रवियों को किया गिरफ्तार
सूरसागर क्षेत्र में उपद्रव फैलाने के मामले में पुलिस ने 42 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पांच नाबालिग को निरुद्ध किया है. पुलिस ने पकड़े आगे आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने दो पार्षदों को जमानत का लाभ दिया और अन्य को जेल भेजने के आदेश दिए हैं. सूरसागर के व्यापारियों के मोहल्ले सहित कुछ क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तनात किया गया है. फिलहाल मौके पर शांति है.
रविवार को फिर से हुआ समझौता
रविवार की शाम को एक पक्ष की महिलाएं सूरसागर थाने के बाहर प्रदर्शन करने पहुंची. बड़ी संख्या में महिलाओं का जमावड़ा सूरसागर थाने के बाहर हो गया. पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर वापस घर भेजा. बवाल को लेकर पुलिस ने दोनों पक्ष के जिम्मेदार लोगों को बिठाकर मीटिंग करवाई. इस मीटिंग में एक बार फिर समझौता हुआ और इसके बाद ईदगाह की दीवार पर बना विवादित गेट बंद कर दिया गया.
पलायन को हो रहे मजबूर
सूरसागर में पिछले कई सालों से दंगे होते आ रहे हैं. यहां पथराव होना आम बात हो गई है. ऐसे में तनावपूर्ण स्थिति में रहना लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. कई परिवार है जो इन दंगों के कारण अपना मकान बेचकर यहां से पलायन कर चुके हैं. कुछ और लोग भी है जो यहां से अपना घर बेच कर जाने की सोच रहे हैं.
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