स्कूल बिल्डिंग में लीपापोती, जिम्मेदार मौन

राष्ट्र चंडिका न्यूज, सिवनी। स्कूल शिक्षा विभाग ने ओपन स्कूल प्रारंभ कर सभी प्रकार की शिक्षा दिये जाने की बात कही और इस कार्य के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्कूल को दायित्व सौंपा। यहां तक कि यहां पर 2 करोड 86 लाख रूपये की राशि स्वीकृत कर भवन निर्मण कराया जा रहा है। आश्चर्य होता है कि इस भवन निमर्माण के दौरान किसी भी जनप्रतिनिधि ने निरीक्षण नहीं किया। इसी का फायदा ठेकेदार बखूबी उठा रहा है और घटिया निर्माण कर अपनी जेब गर्म कर रहा है।
गौरतलब है कि ओपन बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी के मार्गदर्शन में इंजीनियर जेपी अरोरा, सहायक इंजी. रामू अहरवार के निर्देशन में यह निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन निर्माण के दौरान ना तो इंजीनियर का पता रहता है और ना ही सहायक इंजीनियर का। इस भवन निर्माण के पेटी ठेकेदार रायल कन्स्ट्रक्शन के प्रो.प्रा. शफीक कुरैशी द्वारा भवन निर्माण के दौरान कोताही बरती जा रही है।
पुरातत्व संपदा से छेडछाड उल्लेखनीय है कि जिले की प्रथम शाला का गौरव प्राप्त हिन्दी मेन बोर्ड शाला जिसका निर्माण 1886 में किया गया था। इस भवन को भी क्षति पहुंचाये जाने का भी प्रयास किया जा रहा है जबकि हिन्दी मेन बोर्ड शाला वर्तमान में पुरातत्व विभाग के आधीन है और नियम अनुसार किसी भी पुरातत्व संपदा के साथ छेड़‌छाड़ करना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या जनप्रतिनिधि करेंगे निरीक्षण
बच्चों का भविष्य तैयार करने के लिए इस महत्वपूर्ण भवन का निर्माण किया जा रहा है लेकिन अब तक ना तो किसी जनप्रतिनिधि ने इसका निरीक्षण किया और ना ही किसी जिम्मेदार अधिकारी ने ठेकेदार की लापरवाही पर रोक लगाई। सूत्रों की माने तो ठेकेदार शफीक कुरैशी के द्वारा मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने भवन निर्माण के सामने कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगाया है जिसमें कार्य एजेंसी का नाम, स्वीकृत राशि, निर्माण पूरा होने की दिनांक अंकित होती है। ऐसे में निर्माण की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता पर सवालिया निशान उठ रहे हैं।
घटिया सामग्री का हो रहा उपयोग सूत्र बताते हैं कि नेताजी स्कूल में बन रही बिल्डिंग में जो सरिया का उपयोग किया गया तथा वह किस गेज की थी और किस लैब में इसे टेस्ट कराया गया है कोई नहीं जानता। इसी तरह निर्माण में किस सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है यह भी किसी को नहीं मालूम है। इसमें ठेकेदार शफीक कुरैशी ने अपने परिवार के लोगों को ही सुपर वाइजर बनवाया है जिन्हें ना तो तकनीकी ज्ञान है और ना ही निर्माण संबंधी नियमों का ज्ञान है। शाला के प्राचार्य इस मामले में आखिर क्यों मौन है? रेत, गिट्टी, सीमेंट से लेकर सरिया तक सारा मटेरियल घटिया स्तर का बाद होने के बाद भी आखिर क्यों निर्मण स्थल में जाने वाले लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जाता। आखिर समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जिला कलेक्टर और विधायक दिनेश राय इस गुणवत्ताहीन कार्य के प्रति क्यों मेहरबान है।
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