अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समुद्रतल से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में योग कर पूरी दुनिया के शिवभक्तों को अनोखा संदेश दिया है. सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज सीमांत के गांवों की तस्वीर बदल रही है. व्यास घाटी में आदि कैलाश, ॐ पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा जैसे तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान भगवान शिव की प्रवास स्थली में योग कर दुनिया के सैलानियों और तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश के साथ ही इस समूची व्यास घाटी की यात्रा का न्योता दिया और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील भी की.
योग से दुनिया भर के लोग हो रहे लाभांवित
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज योग से दुनिया के करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं. इस अवसर पर हम सभी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति के लिए योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. एक दूसरे को प्रेरित और जागरुक करना चाहिए.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे. तब प्रधानमंत्री ने ज्योलिंगकोंग पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन किए थे. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने आदि कैलाश धाम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी. मानसखण्ड में धार्मिक पर्यटन को नई रफ्तार दी. पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से पिथौरागढ़ का यह सीमांत क्षेत्र बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की ओर तेजी से अग्रसर है.
पर्यटकों से गुलजार चीन बॉर्डर से सटे इलाके
पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके इन दिनों देश दुनिया के सैलानियों से गुलजार हैं. आदि कैलाश, पार्वती सरोवर और ॐ पर्वत के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री यात्री पहुंच रहे हैं. आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, गौरी कुंड, ओम पर्वत देखकर श्रद्धालु अभिभूत हैं.
ऑनलाइन उपलब्ध है इनर लाइन परमिट
कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से शिवभक्तों का आदि कैलाश यात्रा के प्रति रुझान बढ़ा है. कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन सरकार का वीजा लेना पड़ता है, जबकि आदि कैलाश के भारत की सीमा में ही होने से मात्र इनर लाइन परमिट पर ही यह यात्रा हो जाती है. पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इनरलाइन परमिट के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए आनलाइन परमिट की व्यवस्था की गई है.
कैसे पहुंचे आदि कैलाश?
आदि कैलाश की यात्रा के लिए सबसे पहले टनकपुर या हल्द्वानी होकर पिथौरागढ़ पहुंचना होगा. दिल्ली से बस या ट्रेन से आप हल्द्वानी या टनकपुर पहुंच सकते हैं. इसके बाद पिथौरागढ़ की यात्रा बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं. पिथौरागढ़ से धारचूला तक की 90 किमी की दूरी टैक्सी से तय करने के बाद आगे के सफर के लिए इनर लाइन परमिट लेना जरूरी है. धारचूला से आदि कैलाश पहुंचने के लिए 80 किमी का सफर तय करना होगा. इसके लिए धारचूला में टैक्सियां उपलब्ध हैं.
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