सऊदी अरब के मक्का में हज पर गए 98 भारतीयों की मौत हो गई है. भारत के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टी की है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया इस साल भारत से 1 लाख 75 हजार लोग हज के लिए मक्का गए हैं. इनमें से 98 लोगों की मौत हो गई है. मंत्रालय ने कहा है कि ये मौते प्राकृतिक कारणों, पुरानी बीमारियों और वृद्धावस्था के कारण हुई हैं. इनमें अराफात के दिन 6 लोगों की मौत हुई थी जबकि 4 की जान दुर्घटना की वजह से हुई है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मक्का में हमारा हज मिशन काम कर रहा है. यात्रियों को लेकर सारी व्यवस्थाएं की गई है. इस प्रकार के हादसे पर हम तुरंत कार्रवाई करते हैं. सभी लोगों का ध्यान रखा जाता है. मक्का में बहुत गर्मी भी पड़ रही है. वहां, लोग हीट वेव के भी शिकार हो रहे हैं. पिछले साल हज यात्रा के दौरान भारत के 187 हज यात्रियों की मौत हुई थी.
900 से अधिक हाजियों की मौत
सऊदी अरब में इस साल भीषण गर्मी के कारण हज यात्रा के दौरान दुनिया भर से आए 900 से अधिक हज यात्रियों की मौत हो गई. सऊदी अरब के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि सोमवार को मक्का की मस्जिद-ए-हरममें तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. बढ़ते तापमान और भीषण गर्मी की वजह से यात्रियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.
वापस नहीं आता है शव
हज यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को एक एग्रीमेंट पर साइन करना पड़ता है. जिसमें लिखा रहता है कि अगर हज करते समय यात्री की सऊदी अरब की जमीन पर किसी भी तरह से मौत हो जाती है उसके शव को वहां ही दफना दिया जाएगा. शव को वापस नहीं भेजा जाता है. इसे लेकर अगर परिवार की ओर से शव वापस लौटाने का दावा भी किया जाता है तो सऊदी अरब की सरकार उसे स्वीकार नहीं करती है.
डब्ल्यूएचओ दे चुका है चेतावनी
भीषण गर्मी को लेकर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट सामने आई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि दुनिया में हर साल गर्मी से कम से कम पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है. हालांकि, स्वास्थ्य एजेंसी ने यह भी चेतावनी दी थी कि मौत का वास्तविक आंकड़ा कई गुना तक बढ़ भी सकता है. सऊदी अरब ने हज यात्रा में गर्मी के कारण होने वाली मौतों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, कई मुस्लिम देशों ने अपने देश के हज यात्रियों की मौत के पीछे सीधे-सीथे भीषण गर्मी और लू को जिम्मेदार ठहराया है.
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