दिल्ली-NCR में चुभती-जलती और उमस भरी गर्मी के बीच जब बुधवार रात को बारिश हुई तो लगने लगा कि अब मानसून ने दस्तक दे दी है. अगले दिन यानि गुरुवार को तापमान में गिरावट आई और हल्की बूंदा-बांदी हुई. मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि पूरा दिन बारिश होगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सिर्फ सुबह के समय बारिश हुई. दोपहर तक आसमान में बादल भी छाए रहे. लेकिन बाद में फिर से चिलचिलाती धूप निकल आई. ऐसे में लोग फिर से मायूस हो गए. मगर गुरुवार के मुकाबले आज यानि शुक्रवार (Aaj Ka Mausam) को और ज्यादा कम तापमान देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि आज बारिश होगी.
आसमान पूरा बादलों से ढका हुआ है. बारिश के आसार लग रहे हैं. सुबह-सुबह दिल्ली-एनसीआर में 30 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है. जबकि, गुरुवार सुबह तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था. मौसम विभाग के अनुसार आज पूरा दिन धुंध रहेगी. 40 प्रतिशत बारिश आज हो सकती है. 41 प्रतिशत नमी रहेगी और हवाएं 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. बारिश लगातार नहीं, बल्कि रुक-रुक कर होगी. पहाड़ी क्षेत्रों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में आज झमाझम बारिश होगी. हिमाचल में कई जगह 17 डिग्री से कम तापमान रहेगा और भारी गर्जना के साथ बादल बरसेंगे. उत्तराखंड में भी कुछ ऐसा ही हाल रहेगा. राजस्थान के कुछ इलाकों में बारिश होगी. पंजाब-हरियाणा में बारिश तो नहीं होगी लेकिन पूरा दिन यहां बादल जरूर छाए रहेंगे. पश्चिमी यूपी से लेकर मध्य उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में छिटपुट बारिश हो सकती है.
जुलाई में आएगा मानसून
लेकिन अगर इससे आप सोच रहे होंगी कि मानसून ने दस्तक दे दी है तो आप गलत हैं. मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि अभी जुलाई के अंत तक उत्तर भारत में गर्मी से जूझना पड़ सकता है. लेकिन सेंट्रल और ईस्ट इंडिया में तीन से चार दिन के अंदर मानसून पूरी तरह दस्तक दे देगा. इसके बाद जुलाई की शुरुआत में यह उत्तर भारत तक आ जाएगा. IMD के मुताबिक, कुछ दिन बाद यानि जुलाई में मानसून पूरी तरह दस्तक दे देगा. पिछले सालों की तुलना में इस बार गर्मी ज्यादा हुई है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जितनी तेज गर्मी इस बार पड़ी है. मानसून उतना ही अच्छा होने की उम्मीद है. क्योंकि हवाएं जब गर्म होकर ऊपर उठती हैं तो उस खाली जगह को भरने के लिए मॉनसूनी हवाएं तेजी के साथ आती हैं. फिर वह झमाझम बारिश करती हैं.
पिछली बार से ज्यादा होगी बारिश
इंडियन ओशन डाइपोल (IOD) मानसून को काफी हद तक प्रभावित करता है. आईओडी का मतलब होता है कि वायुमंडल से समुद्र और सतह के तापमान में अंतर होने से होने वाला इफेक्ट. हिंद महासागर में होने वाली गतिविधियों से तय होता है कि मानसून कैसा रहेगा. अभी यहां आईओडी न्यूट्रल है. आईओडी के जल्द ही पॉजिटिव होने की संभावना है. जो कि ज्यादा बारिश का संकेत है.
इससे पहले आईओडी के पॉजिटिव होने पर वर्ष 1983, 1994 और 1997 में भारत में सामान्य से अधिक बारिश हुई थी. वहीं निगेटिव होने पर वर्ष 1992 में बहुत कम बारिश हुई थी. मानसून के लिए अल नीनो और ला नीना (El Nino And La Nina) दो सबसे अहम फैक्टर हैं. अल नीनो में समंदर का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है. भारत में अल नीनो के कारण मानसून अक्सर कमजोर होता है. अभी की बात करें तो अल नीनो प्रशांत महासागर में कमजोर है. अल नीनो इफेक्ट की न्यूट्रल कंडीशन चल रही है. मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की मानें तो अल नीनो जुलाई में ला नीना में परिवर्तित हो जाएगा. इससे मानसून में अच्छी बारिश होने की संभावना है. पिछले मानसून से इस बार ज्यादा बारिश (Heavy Rain) होगी.
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