संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान

लोकसभा का स्पीकर कौन बनेगा, इसको लेकर सस्पेंस जारी है. 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है. 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव है. स्पीकर टीडीपी का बनेगा या बीजेपी का, लेकर राजनीति शुरू हो गई है. इस बीच स्पीकर पोस्ट को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा के स्पीकर पद की लड़ाई बहुत महत्वपूर्ण लड़ाई है. संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं है. अगर राहुल गांधी बोलते हैं कि हम कभी भी सरकार गिरा सकते हैं, उसका मतलब आप समझ जाइए. एनडीए की जो सरकार बनी है वो स्थिर नहीं है. कुछ भी हो सकता है.

संजय राउत ने आगे कहा कि हमने सुना है कि चंद्र बाबू नायडू ने लोकसभा स्पीकर का पद मांगा है जो उनसे डील हुआ है. चंद्रबाबू की बात भी ठीक है लेकिन हम जानते हैं की अगर लोकसभा स्पीकर पद पर एनडीए का कोई व्यक्ति नहीं बैठा तो सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह टीडीपी तोड़ देंगे और यह काम शुरू कर दिया है. ये नीतीश की पार्टी जेडीयू, जयंत चौधरी की पार्टी, चिराग पासवान की पार्टी तोड़ देंगे. बीजेपी का काम ही यही है. जिसका नमक खाते हैं उसी को खत्म कर देते हैं. जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं.

हम चाहे तो अपना बहुमत लोकसभा में दिखा सकते हैं

बीजेपी के लोग ऐसे ही है. अगर नायडू को लोकसभा स्पीकर पद मिलता है तो हम उसका बीजेपी स्वागत करेंगे लेकिन अब स्तिथि बदल गई है. हम चाहे तो अपना बहुमत लोकसभा में दिखा सकते हैं. अगर चंद्र बाबू को यह पद नहीं मिला लेकिन वो अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो हम पूरे इंडिया एलायंस में बातचीत करेंगे और उनके उम्मीदवार का समर्थन करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, इंडिया गठबंधन की तरफ से लोकसभा के डिप्टी स्पीकर पद की मांग की गई है. अगर डिप्टी स्पीकर की पोस्ट नहीं मिली तो वे लोकसभा अध्यक्ष के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं. पिछले 5 साल लोकसभा में कोई भी डिप्टी स्पीकर नहीं था लेकिन इस बार विपक्ष के हौसले बुलंद हैं. विपक्ष का कहना है कि अगर विपक्षी दलों को डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दिया गया तो वे स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं.

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर अब बस कुछ दिन के मेहमान

उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में बीजेपी संसदीय दल की बैठक में मोदी को नेता नहीं चुना गया है बल्कि एनडीए की बैठक में उन्हें नेता चुना गया है. अगर बीजेपी संसदीय दल का नेता चुना जाता तो दूसरा कोई होता. इसलिए एनडीए की बैठक बुलाकर मोदी ने अपने नेताओं से खुद को नेता चुनवाया. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर अब बस कुछ दिन के मेहमान हैं. इस देश की जनता ने मोदी को नकारा है. ये सरकार सविधान के खिलाफ काम करती है और ऐसे में सही तरीके से लोकसभा अध्यक्ष चुनकर आना जरूरी है.

लोकसभा स्पीकर पद पर पहला हक सत्तारुढ़ पार्टी का- JDU

उधर, स्पीकर पद को लेकर जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बड़ी हात कही है. उन्होंने कहा कि स्पीकर का पद सदन का सबसे मर्यादित पद होता है. उस पद के लिए पहला हक सत्तारुढ़ पार्टी का होता है. इंडिया गठबंधन की मांग और उनके बयान आपत्तिजनक हैं. भाजपा या एनडीए गठबंधन का उस पद पर पहला हक है और हमारी पार्टी का मानना है कि भाजपा गठबंधन की बड़ी पार्टी है इसलिए उसका अधिकार पहले है. हम 35 साल से एनडीए में हैं. एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि बीजेपी ने जेडीयू को तोड़ने की कोशिश की हो.

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि इंडिया अलायंस को 234 सीटें मिलीं. बीजेपी को इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिली. बीजेपी को 240 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की.

RSS अपनी गलती सुधारना चाहता है तो अच्छी बात

संजय राउत ने कहा कि देश को बचाने के लिए आरएसएस को एक भूमिका अदा करनी पड़ेगी. 10 साल तक देश का जो नुकसान किया है उसमें RSS भी जिम्मेदार है. पीएम मोदी और अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा का जो नुकसान किया है, उसके बराबर की जिम्मेदार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी है क्योंकि RSS के समर्थन से यह सरकार बनी और अब आरएसएस अपनी गलती सुधारना चाहता है तो अच्छी बात है.

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