29 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है, जिसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय में एक बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, गृह सचिव, सेना प्रमुख मनोज पांडे और सेना प्रमुख के पद पर मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, आईबी के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल, बीएसएफ के डीजी नितिन अग्रवाल समेत गृह मंत्रालय और केंद्र शासित प्रदेश के अन्य अधिकारी शामिल हुए हैं.
जम्मू कश्मीर और अमरनाथ की सुरक्षा पर बैठक दो दौर में चलेगी. सुबह 11 बजे से जम्मू कश्मीर की सुरक्षा और आतंक निरोधी ऑपरेशन, काउंटर इंटेलीजेंस, टेरर फंडिंग को रोकना, एलओसी पर घुसपैठ पर रोक सुनिश्चित, करने आदि मुद्दों पर बैठक हो रही है जो दोपहर डेढ़ से लेकर 2 बजे तक चल सकती है.
दूसरी दौर की बैठक दोपहर 2 बजे शुरू होगी, जोकि शाम 4-5 बजे तक चल सकती है. इस बैठक में 29 जून से लेकर 19 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा उसके दोनों मार्ग बालटाल और पहलगाम की सुरक्षा सुनिश्चित करना, यात्रियों की सुविधा और अन्य कार्यों पर मंथन होगा.
हाल ही में जम्मू के रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला हुआ था, जिसमें नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 1 जवान की भी मौत हो गई थी. साथ ही इस हमले में 6 जवान और कई यात्री घायल हो गए थे, जिसमें बच्चे भी शामिल थे. जिसके बाद अब पहले से ही सरकार अमरनाथ यात्रा के लिए हर तरह के सुरक्षा के इंतजामों को लेकर सतर्क है.
मीटिंग में किन बातों पर चर्चा होगी
हाल ही में रियासी, कठुआ और डोडा में चार आतंकवादी हमले हुए, जिसके बाद रविवार को दिल्ली में हाईलेवल बैठक बुलाई गई. इस मीटिंग में अमित शाह जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही 29 जून को शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की तैयारी और उसकी सुरक्षा के इंतजामों पर भी बैठक में चर्चा हो रही है. माना जा रहा है कि आतंक के खिलाफ अभियान को तेज करने के लिए गृहमंत्री अधिकारियों को दिशा निर्देश दे सकते हैं.
क्यों अहम है मीटिंग?
यह बैठक इसीलिए भी अहम है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में कई आतंकी घटनाएं हुई, जिसके बाद अब अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और किसी भी तरह का आतंकी हमला न हो, इसीलिए सुरक्षा समीक्षा को लेकर बैठक की जा रही है. साथ ही इस मीटिंग में अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों की भी समीक्षा की जाएगी. अमरनाथ पहुंचने के लिए यात्री जम्मू- कश्मीर के दो रूट का इस्तेमाल करते हैं, बालटाल और पहलगाम. पिछले साल 4.28 लाख से ज्यादा लोग अमरनाथ पहुंचे थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा पांच लाख तक जा सकता है.
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.