केरल राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) यानी बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए शनिवार को विशेष दिशानिर्देश जारी किए. स्वास्थ्य मंत्री वीना गेरोगे की अध्यक्षता में रैपिड रिस्पांस टीम की बैठक के बाद दिशानिर्देशों और तकनीकी पहलुओं की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई. मंत्री ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चेरथला में बत्तखों और कौवों में एवियन फ्लू की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई की गई.
जॉर्ज ने कहा कि इसके तहत पक्षी क्षेत्र से जुड़े लोगों पर नजर रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि तेज शरीर दर्द, खांसी, सर्दी और सांस फूलने की दिक्कत से परेशान लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और जनता के बीच जागरूकता पैदा की जाएगी.
पक्षियों की अप्राकृतिक मौत
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य के अलाप्पुझा, पथानामथिट्टा और कोट्टायम जिलों के कुछ हिस्सों से फ्लू की सूचना मिली है. मंत्री ने जनता से कौवे सहित पक्षियों की किसी भी अप्राकृतिक मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का भी आग्रह किया.
एडवाइजरी जारी
उन्होंने कहा कि जनता को मृत पक्षियों या संक्रमित पक्षियों से दूर रहना चाहिए. मांस और अंडे का सेवन ठीक से पकाने के बाद ही किया जाना चाहिए. विभाग ने कहा कि अब तक केरल से मनुष्यों में एवियन फ्लू संक्रमण की सूचना नहीं मिली है लेकिन उचित सावधानी बरती जानी चाहिए.
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस
एवियन फ्लू (H5N1), एक प्रकार का एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो पक्षियों में बीमारी का कारण बनता है. हालांकि यह दुर्लभ है कि यह वायरस मनुष्यों में फैले. पिछले कुछ दिनों में अलाप्पुझा जिले से कौवे, मुर्गियों, बटेर और सारस सहित पक्षियों की मौत की सूचना मिली थी.
कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि
कुछ दिन पहले, पशुपालन विभाग (एएचडी) ने राज्य में पहली बार अलाप्पुझा के मुहम्मा ग्राम पंचायत में कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की थी. इस बीच, एएचडी की रैपिड रिस्पांस टीमें क्षेत्र के निकट हॉटस्पॉट में पक्षियों को मारने का काम कर रही हैं.
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